काबुल : तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को अफगानिस्तान की कमान सौंपने की तैयारी है। बरादर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंच चुका है। कतर से वह कमांडो सुरक्षा घेरे में सी-17 विमान से कंधार और उसके बाद काबुल पहुंचा। हवाई अड्डे पर बरादर का तालिबान आतंकियों ने जोरदार स्वागत किया। उसके स्वागत में शहर में कई जगह तालिबानियों ने पटाखे फोड़े। यहां बरादर तालिबान के नेताओं के अलावा पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ बैठक करेगा। यह लगभग तय है कि मुल्ला बरादर को ही देश का अगला राष्ट्रपति बनाया जाएगा। मुल्ला बरादर ने ही अपने बहनोई मुल्ला उमर के साथ मिलकर तालिबान की स्थापना की थी।
कौन है मुल्ला बरादर, जानें सबकुछ
तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश और तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तान ने इसे 2018 में रिहा कर दिया था। बरादर उस समय के अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ अकेले ही एक डील पर बात कर रहा था जो पाकिस्तान को नागवार गुजरा था। इसके बाद पाकिस्तान ने मुल्ला बरादर को जेल में डाल दिया था।
तालिबान का निर्विवाद नेता
वर्तमान में मुल्ला बरादर अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे युद्ध का निर्विवाद विजेता बनकर उभरा है। बरादर का कद तालिबान के मौजूदा प्रमुख हैबतुल्लाह अखुंदजादा से नीचे है। इसके बावजूद उसे तालिबान का हीरो माना जा रहा है। अखुंदजादा अब भी पर्दे के पीछे से छिपकर ही अपने आतंकी संगठन को चला रहा है।
मुल्ला उमर का साला है बरादर
1968 में उरुजगान प्रांत में जन्मा बरादर शुरू से ही धार्मिक रूप से काफी कट्टर था। बरादर ने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन में लड़ाई लड़ी। 1992 में रूसियों को खदेड़ने के बाद अफगानिस्तान प्रतिद्वंद्वी सरदारों के बीच गृहयुद्ध में घिर गया। जिसके बाद बरादर ने अपने पूर्व कमांडर और बहनोई, मुल्ला उमर के साथ कंधार में एक मदरसा स्थापित किया।