कौन है बक्सर का आकाश उर्फ रामजी, मंत्री चौबे के खिलाफ कैसी साजिश?

0

बक्सर/पटना : बक्सर के सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के खिलाफ एक गहरी साजिश का तब खुलासा हुआ, जब दिव्यांगों की आड़ में अपनी स्वार्थ सिद्धी की मंशा रखने वाले एक शख्स का विरोधी पार्टी का झंडा उठाये फोटो वायरल हो गया। हालांकि तब तक वह अपने कुटील मंसूबे को परवान चढ़ाने में कुछ हद तक सफल हो गया। लेकिन शीघ्र ही उसकी हकीकत मीडिया के सामने खुल गई। आइए जानते हैं कौन है बक्सर का यह शख्स और क्या है इसकी करतूत।

क्या है पूरा मामला, कौन है रामजी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बक्सर सर्किट हाउस में ठहरे थे। उनसे मिलने के लिए कुछ दिव्यांगों को जुटाकर आकाश कुमार सिंह उर्फ रामजी नामक शख्स वहां पहुंचा। उसने सभी के हाथ में बैनर—पोस्टर दे रखे थे। इसी क्रम में अचानक वह वहां जोर—जोर से बोलने और हंगामा करने लगा। इसके बाद उसे शांत कराकर वहां से हटा दिया गया। बाहर आकर उसने बताया कि मंत्री से बक्सर सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड लगवाने की बात कही तो उन्होंने उसका बैनर फाड़ दिया। बस मीडिया वाले उसकी बात को ले उड़े।

swatva

राजनीतिक नौटंकी, राजद के लिए प्रचार

लेकिन जब खोजबीन की गई तो पता चला कि रामजी नामक यह शख्स राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए तरह—तरह की नौटंकी करने के लिए जाना जाता है। भाजपा, राजद सभी दलों में यह अपनी रोटी सेंकने की फिराक में लगा रहता है। वह लोकसभा चुनाव के दौरान राजद प्रत्याशी जगदानंद सिंह के लिए प्रचार में लगा हुआ था। इससे पहले वह अभाविप से भी जुड़ा था, जहां से पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उसे वहां से निकाल दिया गया था।

डीएम, सिविल सर्जन से नहीं की मुलाकात

यदि हम रामजी सिंह के आरोपों पर गौर करें तो उसके अनुसार सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन आकर रखी हुई है। वह चालू नहीं हो पाई है। साफ है कि मशीन को मंत्री अपने हाथ से तो चालू नहीं करेंगे। उन्होंने अस्पताल में मशीन भिजवाकर अपना काम कर दिया। अब यदि रामजी सिंह को बक्सर के मरीजों की इतनी ही चिंता होती तो वह ज़िला स्वास्थ समिति के अध्यक्ष ज़िलाधिकारी या फिर सिविल सर्जन से मशीन चालू कराने के संबंध में मिलते। साफ है कि रामजी सिंह की मंशा महज प्रचार पाकर मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचने की रही ताकि वे नेता बन सकें।

बताया जाता है कि आकाश कुमार सिंह पूर्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
से जुड़ा था मगर ग़लत हरकतों के कारण उसे वहां से हटा दिया गया। इसके बाद उसने युवा शक्ति सेवा संस्थान के नाम से एक संगठन बनाया और राजद के साथ जुड़ गया। लोकसभा चुनाव में उसने राजद का खुलकर प्रचार किया। उसपर संगठन बनाकर उगाही के भी आरोप लगे, लेकिन वह किसी तरह बचता रहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here