कष्ट से मिली आजादी, स्वाभिमान से फहराएगा तिरंगा : स्वामी केशवानंद

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बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ में रविवार को झंडोतोलन करते स्वामी केशवानंद

पटना : 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ में रविवार को अखिल भारतीय भारत साधु समाज के कार्यकारी महामंत्री व बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ के कार्यकारी कुलपति स्वामी केशवानंद जी महाराज ने झंडोत्तोलन किया। इस मौके पर स्वामी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर देश को आजादी के लिए, आगे बढ़ने के लिए कुछ न कुछ कष्ट सहन करना पड़ता है। आज जो हमारा भारत है और इससे भी बड़ा जो भारत था, इसके प्रजा को स्वतंत्रता नहीं थी। परंतु हजारों सैनिकों ने, हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत को स्वतंत्रता दिलाई। तिरंगा सदैव फहराता रहे, इसके लिए हर नागरिक के मन में स्वतंत्रता को लेकर स्वाभिमान रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिस तरह देश को आजादी के लिए संघर्ष करना पड़ा, ठीक उसी तरह देश के साथ जुड़ी अनेकों संस्थाएं, व्यक्ति और परिवार को कुछ परिश्रम करने पड़ते हैं। इस दौरान कई तरह की मुसीबतें सामने आती रहती हैं, लेकिन इसका डटकर सामना करने पर वह बहुत जल्द समाप्त भी हो जाती है। लेकिन, जब हमारा पुरुषार्थ व मनोबल दृढ़ रहेगा कठिनाईयां बाधक नहीं बन सकती है।

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उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री, देश के नेताओं व राज्य सरकार के समक्ष कठिनाइयां हैं, चाहे वह आर्थिक हो या पड़ोस के देशों से उत्पन समस्या, कोरोना, बाढ़ या सूखे की समस्या हो। इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन व सत्ताधारियों को विशेष परिश्रम करना पड़ता है। महराज जी ने कहा कि हनलोगों को हमेशा देश के लिए सोचना चाहिए, जब तक यह तिरंगा फहरता रहेगा, तब तक हमारा मनोबल, हमारी आजादी और हम स्वतंत्र देश के नागरिक हैं यह स्वाभिमान हमारे मन में रहेगा।

उन्होंने कहा कि शांति, स्वतंत्रता, स्वाभिमान व परिश्रम जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है, क्योंकि हम पशु नहीं हैं। हमलोग विवेकशील, ज्ञानमय, बुद्धिमय व विज्ञानमय सम्पन्न मनुष्य हैं। मनुष्य की तरह जीवन जीने के लिए इन सद्गुणों का हमें संग्रह करना पड़ेगा, अच्छे समाज में जाना पड़ेगा, अहंकार छोड़ना पड़ेगा, मिथ्यादंभ छोड़ना पड़ेगा। बगैर मिथ्या व अहंकार छोड़े हमलोग जीवन मे आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही सदभावना, प्रेम व एक-दूसरे के प्रति हमदर्दी जरूरी है, तभी देश महान बनेगा, समाज सुंदर बनेगा, जीवन मे शांति आएगी।

स्वामी केशवानंद जी महाराज ने जिम्मेदारियों की महत्वता के बारे में कहा कि राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं की चिंता राष्ट्रीय स्तर के लोग करें, प्रदेश स्तर की समस्याओं की चिंता प्रदेश स्तर के लोगों को करनी चाहिए। पारिवारिक समस्याओं की चिंता पारिवारिक लोगों को करना चाहिए।

महाराज जी ने शिक्षा को लेकर कहा कि शिक्षा, शिक्षक व विद्यार्थियों में एक-दूसरे के प्रति सम्मान आवश्यक है। एक योग्य शिक्षक ही योग्य विद्यार्थी को तैयार कर पाएगा। योग्य शिक्षक न हो तो योग्य विद्यार्थी तैयार नहीं हो पाएंगे और अगर योग्य विद्यार्थी तैयार नहीं होंगे तो अच्छा वैज्ञानिक, अच्छा शिक्षक, अच्छा वकील और अच्छा इंसान कहाँ लाएंगे।

इस अवसर पर महंत ब्रजेश मुनि, चक्रपाणि स्वामी, डॉ. सुरेंद्र राय, गिरिजा शंकर प्रसाद, आरबीके प्रसाद, सुमन कुमार समेत कई संतों, विद्वानों ने समारोह को संबोधित किया। झंडोत्तोलन में भाग लेने के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री व विधान पार्षद पीके शाही, पत्रकार कृष्णकांत ओझा समेत राजधानी के विभिन्न हिस्सों से छात्र, युवा, बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

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