पटना : जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र, बिहार के द्वारा बीएन कॉलेज में एक कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे। आरएसएस बिहार के क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शर्त है भारत माता की जय बोलना। क्षेत्र कार्यवाहक ने कहा कि आज दो तरह की विचारधारा के लोग समाज में हैं। एक तरफ तो ऐसे लोग हैं जो अपनी भाषा से प्यार करते हैं, अपनी संस्कृति को पसंद करते हैं, अपने दर्शन को समझते हैं, अपने बाप-दादा का सम्मान करते हैं। वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग हैं जो देश की एकता को खंडित करने में लगे हैं। मोहन सिंह ने कहा कि आज 5 लाख से ज्यादा भारतीय जवान कश्मीर के छोटे से टुकड़े को बचाने के लिए सीमा पर तैनात रहते हैं। हज़ारो जवानों की शहादत होती है। हज़ारों माताएं अपने बच्चे खोती हैं। उन्होने जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के बारे में बताते हुए कहा कि यह संस्था पिछले 5-6 वर्षों से देश के सभी विश्वविद्यालयों में जाकर कश्मीर के बारे में लोगों को समझाने का काम कर रही है। धारा 370 समस्या नहीं है। समस्या है विचारधारा की, भारत माता को अपना मानने की, उन्होंने कहा कि आज कश्मीर की समस्या अंतरराष्ट्रीय बन गई है। पिछले 50 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में यह मामला उठाता रहा है। भारत का ऐसा कौन सा महापुरुष है जिसने भारतीयता को संरक्षित करने का काम न किया हो। जिसको जब समय मिला उसने भारतीय संस्कृति के रक्षा करने का काम किया है। चाहे वे आदि गुरु शंकराचार्य हों तुलसीदास जी हों, वो गांधी हो, अंबेडकर हों या विरसा मुंडा हों। लेकिन एक छोटा सा ग्रुप है जो भारत को नीचा दिखाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि विजय दशमी के दिन 1925 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने 10 नादान बच्चों को लेकर आरएसएस की शुरुआत की थी। कई लोगों ने कहा कि देश गुलाम हो चुका है। अब पहले वाली संस्कृति नहीं रहेगी। लेकिन इन सब के वावजूद संघ की स्थापना की और आज संघ के 1 लाख से ज्यादा सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। एक साथ 42 प्रकार के विचार के साथ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर कोई समस्या नहीं है, यदि आज हर युवा अपना एक-एक हाथ भी लगा दे तो कश्मीर कि समस्या कहां रहेगी। पकिस्तान का क्या हश्र होगा। संघ का उद्देश्य है कि भारत को अपनी माता माने, भारत को अपना कर्मभूमि माने। आज का युवा यदि आदर्शों पर चले, विवेकानंद के बताए रास्तों पर चले तो भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है। जब लोग देखेंगे कि युवा आदर्श पर चल रहे हैं तो पूरी दुनिया आपके साथ हो जाएगी। जब करोड़ों देशभक्त और राष्ट्रभक्त भारत माता की जय बोलेंगे तब अपने आप कई परिवर्तन होगा।
वहीं बीएन कॉलेज के प्रिंसिपल राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में जो कश्मीर की समस्या है वो पूरी तरह से राजनीतिक है। कश्मीर में जो भारत विरोधी गतिविधियां होती हैं, या जो वहां कुछ राष्ट्र विरोधी संस्थाएं काम करती हैं उन सबको राजनैतिक संरक्षण दिया जाता है।
पटना विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रॉफेसर डीपी कमल ने कहा कि कश्मीर प्राचीन काल से ही भारत का हिस्सा था है और आगे भी रहेगा। ऐसे कई साक्ष्य हैं जो ये बताते हैं कि पाकिस्तान द्वारा हथियाए हुए हिस्से कभी भारत का अंग था। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की संस्कृति भी बहुत अद्भुत रहा है। कश्मीर में महिलाएं भी राजा के पद पर रह चुकी हैं।
(मानस द्विवेदी)