कर्पूरी ठाकुर जयंती : बहनोई को कहा था अस्तुरा खरीद शुरू करें अपना पेशा
पटना : संपूर्ण बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जा रही है। बिहार के तमाम राजनीतिक दलों द्वारा राजकीय सम्मान के साथ उनको पुष्पांजलि अर्पित कर 97 वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर बिहार के तमाम जिलों में आयोजन किया जा रहा है।
जानकारी हो की कर्पूरी ठाकुर 1952 में पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता था। इनका जन्म बिहार के समस्तीपुर जिला अंतर्गत पितौझिया गांव में हुआ था। हालांकि इनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। यह अपनी राजनीती जीवन में हमेशा अजेय ही रहे थे। वह एक बार मुख्यमंत्री तो दो बार उपमुख्यमंत्री पद पर भी रहे थे। इसके बाद इन्होंने अपना अधिकतर समय विरोधी दल के नेता के रूप में निभाई थी।
साथ ही इनके बारे में यह बताया जाता है कि यह इतने ईमानदार नेता थे की जब इनकी मृत्यु हुई तो इनके बैंक खाते में मात्र 500 रुपए ही बचे हुए थे। वहीं अगर जायदाद की बात की जाए तो मात्र के खप्पड़ का मकान ही इनके हिस्से में था।
इनकी ईमानदारी के बारे में यह कहा जाता है कि जब यह मुख्यमंत्री थे तब इनके बहनोई ने अपनी नौकरी की सिफारिश के लिए इनके पास आए थे तो इनका यह जवाब था कि एक अस्तूरा खरीद अपना पुराना पेशा शुरू कर दें। साथ ही अपने बेटे को इन्होंने कहा था कि वह इस बात से बिलकुल प्रभावित ना हो कि उनके पिता मुख्यमंत्री बन गए हैं बल्कि हमेशा इमानदारी से अपना काम कर वरना उनके साथ ही साथ उनके पिता की भी बदनामी होगी।
आज इनके जन्म दिए पर बिहार के करीब सभी राजनीतिक दलों ने समारोह का आयोजन किया है। वह स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, भी रह चुके हैं।