कर्णजीत व कमरूल की जीत ने एकाधिकारवादी सोच की खारिज

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पटना : अगर उपचुनाव के नतीजे आगामी विस चुनाव के रिहर्सल हैं, तो इसके परिणाम ने सिद्ध कर दिया कि पार्टी के भीतर एकाधिकारवाद व खोखले राजनीतिक नारे अब चलने वाले नहीं। सीवान से कर्णजीत व किशनगंज से कमरूल होदा की जीत अप्रत्याशित नहीं है, बल्कि जनता के मिजाज से किया गया फैसला है।
भाजपा के बागी प्रत्याशी कर्णजीत सिंह की सिवान से व किशनगंज से कमरूल की जीत ने साबित कर दिया कि लोकतंत्र में पार्टी के भीतर एकाधिकारवाद नहीं चलाया जा सकता। सिवान के भाजपा से उपाध्यक्ष रहे कर्णजीत को बाजाप्ता सार्वजनिक मंच से पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था। कर्णजीत भाजपा से लम्बे समय से जुड़े रहे हैं। सिवानं में उनकी अच्छी छवि रही है। महत्वाकांक्षाएं तो उनकी थीं हीं, पर प्रतिभाहीन नहीं। प्रतिभा के बूते ही उन्होंने जीत दर्ज की। उन्होंने सांसद कविता सिंह के पति व दबंग अजय सिंह को हराया। कभी अजय शहाबुदीन के ही प्यादा हुआ करते थे। बाद में पाला बदल कर अलग गैंग बना लिये थे।
बहरहाल, कर्णजीत की जीत मैदानी रूप से उनकी पकड़ का तोे दर्शाती है, यह भी बताती है कि पार्टी सुप्रीमो को फैसला लेने से पहले वहां की ग्राउंड रीयलटी की जानकारी होनी चाहिए। जानकारी मिली है कि अजय को भाजपा का एक बड़े धड़े ने समर्थन नहीं दिया है। मतलब, पार्टी में एकाधिकारवाद का विरोध भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी किया। कर्णजीत की जीत ने यह भी संकेत दिया कि सत्ता के शिखर पर लिया गया फैसला बराबर सच नहीं साबित होता।
इसके अतिरिक्त मुस्लिम बहुल किशनगंज से एआईएम-एमआईएम के प्रत्याशी कमरूल होदा ने जीत दर्ज की। वहां से कांग्रेस के सईदा खातून महागठबंधन की प्रत्याशी थीं। सामान्य उम्मीद थी कि वह जीत दर्ज करेंगी, कारण- वह सीट ही रही है कांग्रेस की। पारंपरिक रूप से धर्मनिरपेक्ष कहने वाली पार्टी कांग्रेस वहां से जीत दर्ज करता रहा है। कभी आईएएस टाॅपर सैयद शहबुदृीन और प्रख्यात पत्रकार एमजे अकबर वहां से चुनाव जीते थे। राजद समर्थित कांग्रेस को उम्मीद थी कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर उन्हें अपार बहुमत मिलेगा। कारण कि चुनाव के ठीक पहले सर्जिकल स्ट्राइक भी हुआ। कांग्रेस यह भी सोच रही था कि एंटी भाजपा उसे मिलेंगे ही। पर, ओबैसी की पार्टी एआईएम-एमआईएम ने जीत कर बता दिया कि धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को अब अपने स्टैंड पर न कायम रहना होगा बल्कि खुल कर मैदान में आना होगा।

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