कर्नाटक के बाद अब मध्यप्रदेश में भी बीजेपी सरकार संभव  

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पटना : गेम ऑफ कर्मा (कर्नाटक) के बाद अब भारतीय जनता पार्टी की नज़र मध्य प्रदेश पर हैं। प्रदेश में 108 विधायकों के साथ भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद  जो बयान आया है उससे यह साफ दिख रहा है कि भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर काफी उतावली है। चौहान ने कहा कि अगर प्रदेश में सरकार गिरती है तो इसके लिए भाजपा नहीं कांग्रेस जिम्मेदार होगी, क्योंकि पार्टी के अंदर काफी मतभेद है।

दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की अपनी कोई रूचि नहीं है सरकार गिराने में लेकिन आंतरिक गुटबाज़ी के कारण कौन किधर जाएगा क्या करेगा? इसका किसी को पता नहीं। कमलनाथ सरकार चलती गाड़ी जैसी है, कबतक चलेगी ये कोई नहीं जनता। क्योंकि इस गाड़ी को चलाने की होड़ लगी है। इसलिए चालाक आपस में लड़कर गाड़ी का एक्सीडेंट करवा देंगे या तो  गाडी का पार्ट अलग-अलग हो जाएगा। चौहान के गाड़ी का पार्ट अलग-अलग हो जाएगा, इसमें उनका अप्रत्यक्ष रूप से यही कहना है कि सरकार में शामिल विधायक कब पलटी मार देंगे इसका अंदाज़ा किसी को नहीं है। और भाजपा मध्यावधि चुनाव नहीं चाहती है।

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231 (230 +1)  सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस-114, निर्दलीय-4, बसपा-2,  सपा-1 के साथ कांग्रेस गठबंधन की सरकार चला रही है। फिलहाल भाजपा 108 विधायकों के साथ विपक्ष में है।

 

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