करवंचना करने वाले संवेदकों पर होगी सख्त कार्रवाई : डिप्टी सीएम
पटना : अधिवेशन भवन में आयोजित जीएसटी के अन्तर्गत कर भुगतान पर ‘टीडीएस-टीसीएस कटौती’ शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस साल मार्च तक 7616 संवेदकों/आपूर्तिकर्ताओं ने राज्य सरकार से 7369 करोड़ का भुगतान प्राप्त किया। जबकि इनमें से 4624 संवेदकों ने 4687 करोड़ का भुगतान लेने के बावजूद विवरणी दाखिल नहीं कर करवंचना की। ऐसे संवेदकों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि गैरनिबंधित संवेदकों को कोई आपूर्ति आदेश नहीं दिया जायेगा। वहीं विवरणी दाखिल नहीं करने वालों का भुगतान रोक दिया जायेगा। टीडीएस कटौती का उद्देश्य करवंचना को रोकना है। वर्ष 2016-17 में टीडीएस के माध्यम से 1580 करोड़ की राशि प्राप्त हुई जो राज्य के कुल राजस्व का मात्र 8.25 प्रतिशत है।
जीएसटी लागू होने के बाद निर्माण कार्य से जुड़ी 25 से ज्यादा सामग्रियों जिनमें सीमेंट, बालू, स्टोन चिप्स, ग्रेनाईट, फ्लाई एश ब्रिक्स, मार्बल, फ्लस डोर, प्लाईवुड आदि पर कर की दरों में भारी कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि 75 फीसदी से अधिक मिट्टी कार्य करने वाले संवेदकों से 5 प्रतिशत की दर से कर की कटौती की जायेगी परंतु उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। जबकि अन्य कार्यों से जुड़े संवेदकों को 12 फीसदी जीएसटी देना होगा, मगर उन्हें निर्माण सामग्री की खरीद के दौरान किए गए कर भुगतान का क्रेडिट मिलेगा।
राज्य के संवेदकों से 1 प्रतिशत सीजीएसटी एवं 1 प्रतिशत एसजीएसटी की दर से तथा राज्य के बाहर के आपूर्तिकर्ता से 2 प्रतिशत की दर से आईजीएसटी की कटौती की जायेगी। इसके लिए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी तथा संवेदकों को निबंधन कराना तथा कटौती की स्थिति में मासिक विवरणी दाखिल करना अनिवार्य होगा। समय पर विवरणी दाखिल नहीं करने वाले निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी से 200 रुपये प्रतिदिन की दर से विलम्ब शुल्क तथा 1.5 प्रतिशत की दर से मासिक ब्याज वसूला जायेगा। दंड की इस राशि की वसूली उनके वेतन से की जा सकती है।