देवघर जाने वाले कांवरियों को करनी पड़ेगी मशक्कत, नहीं चलेगी श्रावणी मेला स्पेशल ट्रेन

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नवादा : श्रावणी मेला में बैजनाथ धाम जाने वाले जिले के शिवभक्तो को इस बार भी ट्रेन में भारी ठेलम -ठेली का सामना करना पड़ेगा। लगातार नौवें साल भी कांवरियों के लिए कोई श्रावणी मेला स्पेशल ट्रेन नहीं चलेगी। सुल्तानगंज जाने के लिए पहले दो ट्रेनें चलती थी उनमें से भी एक ट्रेन बंद हो गई है। लिहाजा नवादा और शेखपुरा जिले के साथ ही आस पास के इलाके के लगभग 3 लाख कांवरियों को की यात्रा सिर्फ एक ट्रेन के भरोसे ही पूरी होगी।

अगले एक दो दिनों में बाबा बैजनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की आमद जिले के रेलवे स्टेशनों पर शुरू हो जाएगी लेकिन न रेलवे की ओर से केजी रेल लाईन पर स्पेशल ट्रेन चलाने की कोई घोषणा नहीं हो पाई है। इससे जिले के शिवभक्तों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। 14 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावणी मेले को लेकर कांवरियों का बैजनाथ धाम जाना शुरू हो रहा है। मेला के पहले दिन जल चढ़ाने वाले कावरिए चार पांच दिन पहले ही सुलतानगंज के लिए निकलते हैं। सोमवार से रेलवे स्टेशनों पर भीड़ और बढ़ेगी।

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कांवरियों के कारण स्टेशनों पर अन्य दिनों की तुलना में भीड़ चार गुणा बढ़ जाएगी लेकिन रेलवे की सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं हुआ है। ऐसे में भक्तों की कांवर यात्रा बाबा भोले के भरोसे ही पूरी होगी। संभावित भारी भीड़ के बावजूद कांवरियों के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं दिख रही है। ना तो कोई विशेष शिविर बने हैं और न ही कोई और अतिरिक्त व्यवस्था। मौजूदा व्यवस्था में ही लगभग दो लाख कांवरियों को यात्रा करनी पड़ेगी।

रेलवे के फैसले का मजाक उड़ा रहे लोग

गया से मेला स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा तो हुई है लेकिन वह ट्रेन नवादा होकर नहीं बल्कि पटना होकर जाएगी। गया से जहानाबाद पटना बख्तियारपुर होते इस ट्रेन को जसीडीह तक पहुंचने में 300 किलोमीटर से ज्यादा का सफर पूरा करना पड़ेगा जबकि अगर गया से नवादा के रास्ते या ट्रेन जाती तो 200 किमी में ही यात्रा पूरी हो जाती। इससे रेलवे को भी बचत होता और गया नवादा शेखपुरा जमुई जिले के लाखों कांवरियों को सहूलियत भी होती।

विद्युतीकरण से बढ़ी अपेक्षा:- गया-किऊल रेलखंड के विद्युतीकरण हो चुका है और इस रूट में यातायात की सुविधा आसान हुई है। इस कारण रेल मार्ग से सावन महीने में बाबा की नगरी जाने वाले यात्रियों की अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं। ट्रेन की व्यवस्था नहीं होने से भक्तों को निराशा हुई है। लोगों के द्वारा बाबा नगरी जाने के लिए सीधी ट्रेन की सुविधा दिलाने की मांग कई सालों से की जा रही है। कई बार डीआरएम से लेकर मंत्री तक को आवेदन दिया गया लेकिन कोई सहुलियत नहीं हुई।

नवादा होकर ट्रेन चलाने की मांग

बता दें कि श्रावणी मेले के मद्देनजर पूर्व मध्य रेलवे पटना, गया और रक्सौल से भागलपुर और जसीडीह के लिए तीन स्पेशल ट्रेनें चलाने जा रहा है। श्रावणी मेले में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए यह फैसला किया गया है। 14 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले में कांवरिया भागलपुर के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर झारखंड स्थित देवघर बाबा धाम जाएंगे। गया से चलने वाली ट्रेन को अगर नवादा होकर चलाया जाता तो बड़ी राहत मिलती।

किऊल तक के लिए भी सिर्फ 5 गाड़ियां

रेलवे की यातायात निरीक्षक आरके सिन्हा ने बताया कि फिलहाल किसी भी मेला स्पेशल ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है। सुल्तानगंज तक जाने के लिए गया हावड़ा एक्सप्रेस उपलब्ध है। इसके अलावा किऊल तक जाकर वहां से ट्रेन चेंज कर सुल्तानगंज पहुंचा जा सकता। गया-किऊल रूट पर वर्तमान समय में नवादा से क्यूल की ओर जाने के लिए 4 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन उपलब्ध है। सालों पहले रेलवे द्वारा जमालपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को सुल्तानगंज तक चलाया गया था। इस बार ऐसा कोई निर्देश नहीं है। कांवरियों के लिए स्टेशन पर पर्याप्त सुविधाएं मौजूद है।

इन एक ट्रेन के भरोसे पहुंचें सुलतानगंज केजी रेल लाईन पर सुलतानगंज पहुंचने के लिए साल 2019 तक दो ट्रेनें उपलब्ध होती थी। गया-हावड़ा एक्सप्रेस और गया रामपुरहाट पैसेंजर सुल्तानगंज जाती थी। 2020 और 2021 में मेला बाधित रहा। इसी दौरान गया रामपुरहाट पैसेंजर का रूट चेंज हो गया और यह जमालपुर तक की जाती है। ऐसे में नवादा के श्रद्धालुओं के लिए सुल्तानगंज पहुंचने का एकमात्र साधन गया हावड़ा एक्सप्रेस ही है।सुलतानगंज से जल भर कर पैदल बाबाधाम जाने वाले यात्री गया-हावड़ा एक्सप्रेस से सुलतागंज पहुंच सकते हैं।

गया-हावड़ा एक्सप्रेस नवादा दोपहर 1ः20 तिलैया 1ः16 वारिसलीगंज 1ः36 काशीचक 1ः49 जमालपुर एक्सप्रेस सुबह 8.05 बजे गया किऊल मेमू सुबह 9 .03 बजे गया हावड़ा एक्सप्रेस दोपहर 1.20 बजे (सुलतानगंज तक) 4.10 गया जमालपुर एक्सप्रेस शाम 4.25 बजे गया कियूल पैसेंजर रात 9.26 बजे

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