पटना : बिहार की न्याय व्यवस्था पहली बार यूएपी एक्ट पर कानूनी बहस करेगी। मोकामा विधायक अनंत सिंह के पैतृक आवास लदमा से एके-47 व हैंड ग्रेनेड मिलते ही उन पर बिहार पुलिस ने यूएपी की धारा लगा दी। एके-47 मिलने के बाद पुलिस ने जैसे ही आतंकी धारा लगाया, वैसे ही अनंत सिंह बेचैनी में आकर भूमिगत हो गये। उनके साथ रहने वाला अमला-जमला तो गायब हो गया, पर, उनके व्हाईट कॉलरर्ड बिजनेस पार्टनर एक्टिव हो गये। नतीजा, वे भाग कर दिल्ली के साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण करते हुए खुद को निर्दोष बताया।
गोला-बारूद मिल जाने से कोई आतंकी नहीं हो जाता
अनंत सिंह के वकील इमरान गनी ने इस मामले पर बहस की ठानी है। करीब 70 वर्षीय वकील इमरान ने बताया कि यह धारा बहस में टिकेगी ही नहीं। पहले तो यह कि यह धारा आतंकियों पर लगती है, जो देश के लिए खतरा बन जाते हैं। यूएपी की सेक्शन 13 की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि यह धारा वैसे संगठनों अथवा तत्वों पर लगाया जाता है जो प्रतिबंधित है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या अनंत किसी प्रतिबंधित आतंकी संगठन के सदस्य हैं? उन्होंने कहा कि अनंत सिंह तो विधान सभा के सदस्य हैं।
चैलेंज के डर से बिहार पुलिस भी कर रही तैयारी
इमरान अली ने दावा किया कि किसी के घर से गोला-बारूद निकलने से कोई आतंकी नहीं हो जाता। इस बात की भी पड़ताल होनी चाहिए कि गोला-बारूद आए कहां से? अगर वे सचमुच आतंकी हैं तो उन्होंने निरंतर तीसरी बार चुनाव में जीत कैसे दर्ज की?
बहरहाल, एक दिलचस्प मोड़ पर आने वाले इस केस को लेकर पुलिस भी अपने बचाव में तैयारी करने लगी है। बिहार पुलिस उन आयामों पर भी विचार करने लगी है कि कैसे उन पर लगाये गये आरोपों के पक्ष में दलीलें दी जाएं। वैसे, अनंत को तीन दिनों के रिमांड पर पुलिस लेने वाली है।