कन्हैया पर यौन शोषण मामले के बारे में पूछने पर बगलें झांकने लगे बुद्धिजीवी

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पटना : होटल अशोका में कल तब सन्नाटा छा गया जब एक एनजीओ से जुड़े कार्यकर्ता ने कन्हैया कुमार पर जेएनयू की एक लड़की द्वारा लगाए गए यौन शोषण पर प्रश्न पूछ लिया। पूछे गए प्रश्न पर देशभर से आए पत्रकार बगले झांकने लगे। मौका था “अभिव्यक्ति की आज़ादी” और “मीडिया पर खतरा” विषय पर ऑक्सफॉम द्वारा आयोजित कार्यक्रम का। कार्यक्रम की शुरुआत कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी पर अफसोस जताने के साथ हुई और कहा गया कि अब देश में सच बोलनेवालों को दबाया जा रहा है। दर्शकों और पत्रकारों में राउंड टेबल सिरीज़ के दौरान उक्त व्यक्ति ने पत्रकारों से सवाल किया था। फेक न्यूज़ पर सेशन में एक महिला पत्रकार ने कहा कि आजकल अखबारों में कुछ खास किस्म के लोगों को प्रमुखता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह भी एक तरह से फेक न्यूज़ माना जायेगा। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज़ से बचना है तो हमें अपने स्वतंत्र विचारों को अपनाना होगा, तभी सार्थक खबरें पाठक तक पहुंचेंगी। कार्यक्रम को आनंद बाजार पत्रिका की एसोसिएट एडिटर स्वाति भट्टाचार्य और एक्टिविस्ट निवेदिता झा ने भी संबोधित किया। इन दोनों ने किसी संगठन का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनपर जमकर हमला किया। लेकिन जब सवाल—जवाब सेशन में एक व्यक्ति ने कन्हैया द्वारा साथी छात्रा के सामने गलत हरकत की बात उठाई तो सभी चुप रह गए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या समाज का कथित प्रबुद्ध वर्ग भी अपने लिए सुटेबल परिस्थिति के हक में ही सिर्फ आवाज उठाएगा या​ फिर निष्पक्ष होकर अपने अंदर की विकृत मानसिकता पर भी उतना ही मुखर होगा? यह तो वक्त ही बताएगा।
मानस दुबे

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