कई भूकंप भी कुछ नहीं बिगाड़ सके फारबिसगंज के नाथेश्वर महादेव का

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अररिया : फारबिसगंज नगरपरिषद वार्ड संख्या-14 स्थित नाथेश्वर महादेव जिसे लोग बडा  शिवालय के नाम से जानते हैं वह कोसी क्षेत्र के लोगों की धार्मिक आस्था और गौरवशाली सभ्यता का प्रतीक है। इस शिवलिंग को 1893 में बनारस के नाथ बाबा ने यहां स्थापित किया था। सन 1934 में आये प्रलयंकारी भूकम्प में जहां इस क्षेत्र में सब कुछ नष्ट हो गया, वहीं इस मंदिर को आंशिक क्षति भी नहीं हुई। नाथेश्वर महादेव के लिंग पर इस भूकंप का कोई असर नहीं हुआ। केवल लिंग दो फीट जमीन में नीचे धंस गया। यह घटना यहां के जनमानस के लिए आज भी उदाहरण है कि कोई भी प्राकृतिक आपदा इस मंदिर के भगवान को छू भी नहीं सकती। इस घटना के उपरांत क्षेत्र में नाथेश्वर महादेव के प्रती लोगो की आस्था और भी प्रगाढ़ हो गई जो आज तक बढ़ती ही जा रही है।
नाथ बाबा के देहांत के उपरांत पंडित स्व. लक्ष्मिकांत झा (ज्योतिषाचार्य) द्वारा मन्दिर की देखभाल होने लगी। उन्होंने काफी लम्बे समय तक नाथेश्वर महादेव की सेवा की। इसके बाद उनके छोटे भाई पंडीत स्व.मधुकांत झा द्वारा सेवा कि जिम्मेदारी सम्भाली गयी। उनके निधन के बाद उनके भतीजे स्व. लक्ष्मीकांत झा के पुत्र पंडीत गोपिरमण झा उर्फ डंडी बाबा ने मन्दिर की देखभाल का बीड़ा उठाया। वे उस समय कोलकत्ता में आयत निर्यात विभाग में क्लर्क कार्यरत थे। अचानक उन्हें अपने पुत्र के असामयिक निधन की सूचना प्राप्त हुयी। इस घट्ना के उपरांत  उनका सांसारिक मोह पूरी तरह भंग हो गया। तदोपरांत उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया तथा सांसारिक मोह माया के बन्धनों को त्याग कर फारबिसगंज आ गये तथा बडा शिवालय में नाथेश्वर महादेव की सेवा और भक्ती में जीवन अर्पित कर दिया। 1987 से अब तक डंडी बाबा महादेव की सेवा कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में इस मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार भी काफी हुआ है। शनि मंदिर, दुर्गा मंदिर इन्हीं की देखरेख में निर्मित हुए।
संजीव कुमार झा 

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