पटना : विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने आज लालू के बड़े लाल तेजप्रताप को आईना दिखा दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी पिता से विरासत में मिली ‘राजनीति के अपराधीकरण’ की सौगात से वे इतने अभिभूत हैं कि उन्हें आजादी के दीवाने वीर सावरकर और अपनी खुद की हैसियत में कोई फर्क ही नहीं नजर आता। तभी तो लालू के इस बिगड़ैल बेटे ने भारत माता के सच्चे सपूत वीर सावरकर जी को लक्ष्य कर अपमानजनक टिप्पणी कर डाली।
क्या है तेज प्रताप का ट्वीट
छात्रों को गद्दारी का पाठ पढ़ाएंगे, विश्विद्यालयों में कायरों की मूर्ति लगाएंगे।
दिल्ली विश्विद्यालय में संघ के बगलबच्चा संगठन द्वारा भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस के साथ अंग्रेजों के एजेंट सावरकर की प्रतिमा लगाकर देश के वीर सपूतों की कुर्बानी का मजाक बनाया गया है। pic.twitter.com/PBhmGOw4jD
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) August 22, 2019
व़िद्याथी परिषद ने किया पलटवार
तेजप्रताप की ऐसी टिप्पणी पर विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष पप्पू वर्मा ने कहा कि यह ट्विट उनके लंपट चरित्र को उजागर करता है। दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं भगत सिंह के साथ हाल ही में विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा स्थापित की गयी थी। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने सावरकर जी की प्रतिमा को अपमानित करने का प्रयास किया है। इसको लेकर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं में काफी रोष है। पप्पू वर्मा ने बयान जारी कर कहा कि सावरकर जी के प्रति अभद्र व्यवहार व टिप्पणी कोई छात्र कर ही नहीं सकता। ऐसा कर एनएसयूआई ने यह साबित कर दिया कि वह भ्रष्टाचारी कांग्रेस के नेताओं के पैसे पर पलने वाला मावाली गिरोह है। छात्र संगठन के नाम पर लंपटबाजी करने वाले अन्य देश विरोधी संगठन भी एनएसयूआई के साथ मिलकर भारत में भ्रम और अराजकता का माहौल बनाने के प्रयास में लगे हैं। विद्यार्थी परिषद ऐसे तमाम छात्र संगठनों के चाल और चरित्र का पर्दाफाश करेगी। भारत की स्वतंत्रता के लिए सावरकरजी ने अपना पूरा जीवन लगा दिया। अंडमान जेल में अंग्रेजों ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया था। उन्होंने जेल से भागने का प्रयास किया था ताकि बाहर आकर वे क्रांतिकारियों को फिर से संगठित कर सकें। लेकिन, समुद्र से तैर कर भागने के क्रम में वे पकड़े गए थे। अंग्रेजों ने क्रांतिककारियों के बीच भ्रम फैलाने के लिए उनसे जबरन हस्ताक्षर लेकर कुछ कागजात तैयार कराए थे। उन्हीं कागजातों के आधार पर अंगेजों के मानसपुत्र सावरकरजी को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता ऐसे देशद्रोहियों के चेहरे बेनकाब करेगी ताकि छात्र व भारत के लोग भ्रम में नहीं पड़ें।