कभी छोटे सरकार ने नीतीश को चांदी के सिक्कों से तौला था, फिर कहां हुई चूक?

0

पटना : समय जो न हाल कराए। कभी ललन सिंह और नीतीश कुमार की आंख का तारा रहे बाहुबली अनंत सिंह आज उन्हीं सीएम नीतीश से मिलकर अपनी बात रखने की कौल दे रहे हैं। जो वे तब करते थे, वही सब अब कर रहे हैं। फिर आज यह हाल क्यों? आज जिस जदयू सांसद ललन सिंह पर खुद को फंसाने का आरोप अनंत सिंह लगा रहे हैं, पहले उनसे उनकी दांत—काटी दोस्ती थी। नतीजतन वे सीएम नीतीश कुमार के भी चहेते हो गए थे। कभी आज के सीएम नीतीश को ​चांदी के सिक्कों से अनंत सिंह ने बाढ़ में तौल दिया था। लेकिन उन्हीं नीतीश कुमार ने क्यों अनंत से आंखें फेर ली, आइए जानते हैं इसके पीछे की दिलचस्प कहानी।

लालू—राबड़ी की खिलाफत ने बनाया विधायक

लालू-राबड़ी राज के दौरान अनंत सिंह के घर पर छापेमारी हुई थी। घंटों पुलिस का अनंत समर्थकों ने ​मुकाबला किया। अनंत सिंह लालू राज से लड़ने वाले के तौर पर उभरे। तब की राजनीतिक परिस्थितियों ने अनंत सिंह को नीतीश कुमार और ललन सिंह के करीब कर दिया और वे जदयू के टिकट पर विधायक चुन लिये गए।

swatva

मिला सत्ता का संरक्षण, अनंत बने छोटे सरकार

नीतीश कुमार से अनंत सिंह की करीबी की बुनियाद 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान पड़ी। तब नीतीश कुमार बाढ़ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। आगे होनेवाले चुनाव में नीतीश कुमार को यह अहसास हो गया कि अनंत सिंह की मदद के बिना उनके लिए बाढ़ से राजनीतिक लड़ाई आसान नहीं होगी। तब नीतीश के कहने पर उनके चुनाव प्रभारी ललन सिंह ने अनंत सिंह से बात की तथा अनंत को अपने साथ ले आए। तब एक जनसभा के मंच पर अनंत सिंह ने नीतीश कुमार को चांदी के सिक्कों से तौला था। इस प्रकार जब नीतीश बिहार की सत्ता में आए तो अनंत ‘छोटे सरकार’के तौर पर जाने जाने लगे।

अनंत—ललन में इसलिए बिगड़ गए समीकरण

नीतीश के सत्ताशीन होने का अपयोग अनंत सिंह ने अपनी हनक और संपत्ति बढ़ाने में खूब किया। पटना में कई जगह मामूली कीमत पर अपनी रसूख के सहारे जायदाद खड़ी की। चूंकि अनंत सिंह को सत्ता का संरक्षण हासिल था, इसलिए किसी ने कुछ नहीं बोला। अनंत सिंह के हौसले इतने बुलंद हो चुके थे कि नीतीश कुमार के लिए उन्होंने तब के सीएम जीतन राम मांझी को भी खुलेआम धमकी दे डाली थी।

मामला तब बिगड़ना शुरू हुआ जब महागठबंधन दौर में बाढ़ थाना क्षेत्र में कुछ यादव लड़कों के साथ मारपीट की घटना घटी। इसमें लालू यादव के दबाव पर नीतीश को मजबूरन अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। यहीं से अनंत सिंह नीतीश कुमार और ललन सिंह पर भड़क गए। उनका मानना था कि उनके बुरे वक्त में नीतीश—ललन ने उनका साथ नहीं दिया।
इसके बाद हाल के लोकसभा चुनाव में जिस अंदाज में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार का विरोध किया और चुनौती दी, यही उनकी बड़ी चूक बन गई। जदयू ने उनके इस कदम को पार्टी के लिए सीधी चुनौती के तौर पर लिया। अनंत सिंह के खिलाफ सबूत जुटाने में ज्यादा मेहनत तो थी नहीं, बस उनके पीछे लगना भर था। नतीजा सबके सामने है। एके—47 और हैंड ग्रेनेड मिलना काफी गंभीर बात है जो अनंत सिंह को काफी मुश्किल में डाल चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here