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यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल …

पटना : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान आज का माहौल दोनों तरफ से शायराना रहा। जहाँ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी सवाल के दौरान तरह – तरह शायरी बोला तो वहीँ सरकार के तरफ से जवाब देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी जवाब देने के दौरान बोला। वहीँ तेजस्वी यादव द्वारा बोले गए एक शायरी को लेकर चर्चा की बाजार गर्म हो गयी है।

अपने आईने को भी कभी साफ कीजिये

दरअसल , बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार के कामों पर तंज कसते हुए कहा कि मुझमे हजार खामियां हैं माफ़ कीजिये, अपने आईने को भी कभी साफ कीजिये। वहीँ उनके इस शायरी के बाद चर्चा यह होने लगी है की अब तक अपने पिता के शासनकाल को साफ बताने वाले तेजस्वी यादव अब यह खुद बोल रहे हैं की उनके पिता द्वारा चलाये जा रहे सरकार में खामियां थी। अब वह यह भी कबूल करने को तैयार हैं कि उनके पार्टी के शासन में बिहार में विकास नहीं हुआ था।

वहीँ इसके अलाबा शराबबंदी को लेकर बार बार उठाये गा रहे सवाल पर आज तेजस्वी खुद घिर गए। हुआ यूं कि तेजस्वी ने सदन में शराबबंदी को लेकर सवाल उठा रहे थे तभी विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि पिछली बार हमसब ने शपथ लिया था कि हमलोग साथ मिलकर शराबबंदी को सफल बनायेंगे तो हमारी जिम्मेदारी है कि इसे सफल बनाएं।

दीये को रातभर जलना पड़ता है

वहीँ तेजस्वी के भाषण के बाद इनके सवाल का जबाब देते हुए वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर भी ले चलो कश्ती जिधर तूफान आया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है पूंछा चिड़िया से… कैसे बना आश्यिाना? बोली- भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार तिनका-तिनका उठाना होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि दीपावली यूँ ही नहीं मनती, दीये को रातभर जलना पड़ता है। इसके बाद चर्चा यह हो रही है कि वित्त मंत्री ने इशारे-इशारे में तेजस्वी यादव को जोरदार हमला बोला हैं। उन्होंने शायरी से ही तेजस्वी को नाकाबिल बता दिया है।

बहरहाल ,देखना यह है कि दोनों तरफ से हुए इस शयराना हमले के बाद सरकार और विपक्ष में किस प्रकार सामंजस्य से बिना किसी हंगामे के साथ सदन में एक दुसरे से सवाल जबाब करती है। साथ ही क्या तेजस्वी यादव को अपना शयराना तरीका छोड़ सीधे -सीधे सवाल करते है या फिर यहीं तरीका अपनाए रहते हैं।