बिहार में हो चुका जंगलराज का खात्मा, इसलिए विधायकों से हो रही वसूली

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पटना : बिहार की राजनीति में हर रोज कोई न कोई एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। इस कड़ी में अब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया और एनडीए गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद पर जोरदार हमला बोला है।

दरसअल राजद द्वारा कल एक फरमान जारी किया गया था कि पार्टी अपने सभी विधायक और विधान परिषद सदस्यों से चंदा लेगी। राजद ने फरमान जारी करते हुए कहा था कि वर्तमान विधान परिषद और विधायक 10,000 पार्टी फंड में जमा करेंगे तो वहीं पूर्व विधायक 4000 पार्टी फंड में जमा करेंगे। राजद इस पैसे का इस्तेमाल राज्य के किस जिले में पार्टी ऑफिस बनाने के रूप में करेगी।

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वहीं अब राजद के इस फैसले पर जीतन राम मांझी ने चुटकी लेते हुए कहा कि बिहार में सुशासन की वजह से अब आरजेडी की आमदनी कम हो गई है। उनके पार्टी द्वारा कारोबारियों डॉक्टरों से मांगे जाने वाली फिरौती से जनता अब मुक्त है। जंगलराज के खिलाफ़ वोट देकर जनता नहीं खुद को बचा लिया है, लेकिन इसका परिणाम आरजेडी को भुगतना पड़ रहा है। इस कारण इनको अपने विधायकों से पैसा वसूला जा रहा है।

इसके आगे उन्होंने कहा है कि आरजेडी की आमदनी जंगलराज समाप्त होने के साथ के साथ बंद हो गई। इसलिए राजद अपना खजाना भरने के लिए अपने विधायकों से ही पैसे मांग रही है।

हर जिले में बनेगा आधुनिक पार्टी कार्यालय

हालांकि राजद पहले ही कह चुकी है कि विधायकों से पार्टी फंड में ली जाने वाली राशि हर जिलों में पार्टी के ऑफिस के किराया और संगठन के खर्चा का काम आएगा। इसके अलावा पार्टी द्वारा हर जिले में आधुनिक पार्टी कार्यालय बनाया जाएगा। अब देखने वाली बात यह है कि मांझी द्वारा किए गए इस बयानबाजी पर राजद का पलटवार क्या होता है और विधायकों से लिए जाने वाले पैसे का किस प्रकार से राजद उपयोग करती है।

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