झारखंड के सरकारी स्कूलों में जेहादी मनमानी, अब दुमका में थोपा मदरसा नियम
रांची : झारखंड के सरकारी स्कूलों का इस्लामीकरण करने के लिए ‘स्कूल जेहाद’की एक सुनियोजित साजिश को अंजाम दिया जा रहा है। इसके तहत जहां मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा है, वहां के सरकारी स्कूलों में जबरन इस्लामी तौर—तरीके लागू करने की मुहिम चल रही। इसके तहत पहले गढ़वा, फिर जामताड़ा और अब दुमका में कट्टरपंथियों ने जबरन 33 सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी घोषित कर दी है। इतना ही नहीं स्कूलों के सरकार द्वारा रखे नाम में बदलाव कर उनके नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ दिया गया है।
जिला प्रशासन करायेगा जांच
जब मामले पर जिला प्रशासन का ध्यान खींचा गया तो जांच की बात की जा रही है। सवाल है कि झारखंड में स्कूलों के मदरसाकरण की साजिश कौन कर रहा है? कैसे इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों में मजहबी वायरस फैलाया जा रहा है? दुमका के 33 स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी की बात सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हो गईं हैं। सबकुछ काफी योजनाबद्ध तरीके से किये जाने की बात सामने आ रही है। लोकल पंचायत बॉडी से पहले स्कूल के प्रिंसिपल पर अपनी मनमाफिक निर्णय का दबाव बनाया जाता है और फिर उसे लागू कर दिया जाता है।
गढ़वा और जामताड़ा ट्रेंड
इससे पहले गढ़वा के सरकारी स्कूलों में पारंपरिक प्रार्थना को बदलवाने का मामला सामने आया था। फिर जामताड़ा में ठीक दुमका जैसा ही मामला सामने आया जिसमें 100 से ज्यादा स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी की बात थी। वहां भी कई स्कूलों के नाम के आगे उर्दू लिखकर उन्हें उर्दू स्कूलों में बदलने के भी मामले मिले। अब दुमका के 33 सरकारी स्कूलों में जबरन जुमे की छुट्टी का मामला सामने आने के बाद व्यापक जांच की मांग लोग कर रहे हैं।