पटना : झारखंड में भाजपा की हार क्या हुई कि राजनीति का फिलहाल ककहरा सीख रहे लोग भी भाजपा के सिद्धांतकारों को ज्ञान देने लगे। यही नहीं, सीएए और एनआरसी पर मोटिवेशनल गुरू भी बन गये।
चिराग पासवान बने ज्ञान गुरु
इस सूची में पहला नाम लोजपा के सांसद चिराग पासवान का है जो झारखंड में चुनाव रूझान के बाद ही ज्ञान-गुरू बन गये। उन्होंने अपने नये ज्ञान के तहत कहा कि सीएए और एनआरसी के मसले पर भाजपा को पहले अपने घटक दलों के साथ परिणाम समीक्षा कर लेनी चाहिए थी। उनके इस कथन के अनुसार झारखंड में भाजपा की हार का कारण सीएए और प्रस्तावित एनआरसी ही है। स्थानीय कारण नहीं। न ही झारखंड की लोकल पाॅलिटिक्स।
पीके का राहुल को मोटिवेशन
इधर जदयू के चुनावी मैनेजर व पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को मोटिवेशनल प्वाईन्टस देते हुए कहा है कि उन्हें चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों में एनआरसी और सीएए का न केवल खुलकर विरोध करें बल्कि नहीं लागू करने के लिए घोषणा भी कर दें। उन्होंने राहुल को मोटिवेट करते हुए टवीट किया है कि वे एनआरसी के मसले को नेशनल हुक-अप पर जागरूक करें।
दूसरी ओर भाजपा के कई नेताओं ने पीके को घेरते हुए कहा है कि वे मोटवेशनल गुरू की तरह बात न हीं करें। सीएए और एनआरसी अपने तरीके से काम करता रहेगा। राज्य सरकारों को जो करना है, वे करते रहेंगे।