पटना : जबसे मुख्यमंत्री नीतीश ने 2025 की लड़ाई तेजस्वी की अगुवाई में लड़ने की घोषणा की है, जदयू नेताओं की बेचैनी काफी बढ़ गई है। विपक्ष भाजपा ने तो पहले ही जदयू के आरजेडी में विलय की बात कह दी है। अब जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी। कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद हमारा फोकस 2024 के लोकसभा चुनावों पर ही है। अभी हम उसी की बात करेंगे। जहां तक बात जदयू के राजद में विलय की है तो यह एक तरह से आत्मघाती कदम होगा। यानी कुशवाहा नीतीश कुमार को एक तरह से नसीहत दे गए कि यदि वे पार्टी का राजद में विलय करने की बात सोच रहे हैं तो यह जदयू नेताओं के लिए आत्मघाती कदम होगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार की तेजस्वी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव होने तक के लिए है। यानी नीतीश की घोषणा महज 2024 के लोकसभा चुनाव तक तेजस्वी को सीएम पद का स्वप्न दिखाने जैसा है। राजनीतिक विश्लेषक इसे नीतीश की काफी सधी हुई चाल बता रहे। उनके अनुसार नीतीश तेजस्वी को 2025 का लड्डू केवल एनडीए में अपने लिए फिर वैकेंसी क्रिएट करने के लिए कर रहे हैं। उनका मकसद भाजपा को अपनी इस सधी चाल से दबाव में लाने और एनडीए में जदयू के लिए स्पेश बनाने की है।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ताजा बयान में जो कहा, उसका भी यही अर्थ निकाला जा रहा। कुशवाहा ने न्यूज चैनल से बात करते हुए आगे कहा कि नीतीश कुमार हम सब के नेता हैं। उनके नेतृत्व में हम सब काम कर रहे हैं। फिलहाल 2024 के लिए ही हम सब लोगों की अर्जुन की तरह आंख आगामी लोकसभा चुनाव पर लगी है। उसी पर सारा फोकस है। लेकिन जब कुशवाहा से 2025 में तेजस्वी के नेतृत्व पर नीतीश के ऐलान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि, यह हमारा आज का एजेंडा नहीं है। अभी सिर्फ 2024 का एजेंडा है। साथ ही कुशवाहा ने राजद और जदयू के विलय पर कहा कि पार्टी में कहीं से भी इस पर चर्चा नहीं है। अगर इस सुनी सुनाई बात पर सवाल है तो मैं यही कहूंगा कि यह जेडीयू के लिए पूरे तौर पर आत्मघाती बात होगी।