जदयू बोला वार्ता टूटना दुर्भाग्यपूर्ण, आंदोलन का कोई मकसद नहीं

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पटना : किसान संगठनों ने कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार के नए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बुधवार की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं और उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे सील रहेंगे।

वहीं वार्ता टूटने को जनता दल यूनाइटेड ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि केंद्र और किसान संगठनों के बीच बातचीत बेनतीजा खत्म होना, बेहद दुखद पहलू है। हालांकि त्यागी ने यह कहा है कि किसानों की आशंकाओं का निवारण बेहद जरूरी है।

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इसके आगे उन्होंने कहा है कि सरकार ने बगैर किसान संगठनों से बातचीत किए जल्दबाजी में अध्यादेश लागू किया। हालंकि यह उनकी निजी राय है। वहीं केसी त्यागी ने यह भी कहा है कि अगर सरकार एमएसपी समेत अन्य आशंकाओं पर लिखित में देने को तैयार है तो फिर इस आंदोलन का कोई मकसद नहीं बन जाता।

उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए किसानों की जमीन लीज पर ना ली जाए। इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। त्यागी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि देश में पुरानी मंडी व्यवस्था किसानों के लिए मुश्किलें पैदा करती थी लेकिन अब नई व्यवस्था से इस में सहूलियत होगी। बावजूद इसके सरकार को यह चाहिए कि वह किसान संगठनों की आशंकाओं को दूर करें।

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