जदयू ने बूथ स्तर पर मजबूती के लिए कसी कमर

0

पटना : झारखंड में भाजपा के शिकस्त और रघुवर दास की हार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपर हैंड हो गया है। हालांकि खुद जदयू वहां जीरो पर आउट होते हुए एक फीसदी भी वोट नहीं ला सका है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा को लेकर कभी-कभी दबाव महसूस करने वाले नीतीश कुमार अब खुल कर बोलने की स्थिति में होंगे कि उनके सुशासन का ही परिणाम है कि एनडीए बिहार में विकास और गवर्नेंस के मसले पर बेहतर काम कर पाया है। भाजपा के सीनियर लीडर भी इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि बिहार में दोनों एक नेचुरल फ्रेंड हैं।

समीक्षा बैठक का दिया गया निर्देश

लेकिन राजनीति में कुछ भी स्थायी और नेचुरल नहीं होता। इधर, हालत यह है कि जदयू ने बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करते हुए आगामी छह जनवरी को बैठक करने का निर्णय लिया है। जानकारी मिली है कि प्रदेश स्तर पर बूथों का गठन हो गया है। उसकी माॅनीटरिंग खुद प्रशांत किशोर कर रहे हैं। वैसे, इसमें पार्टी के सीनियर लीडर रामचन्द्र पसाद सिंह और श्रवण कुमार भी शामिल हैं।

swatva

पीके की क्रिएटिविटी की परीक्षा होगी 2020 में

जानकारी मिली है कि पूरे प्रदेश में जनवरी में बूथों की बैठक हो जाएगी। बूथ संचालन के लिए खास कर उन्हें चयनित किया गया है जो राजनीति से जुड़े रहे हैं और जिनकी सक्रियता समाज और राजनीति में रही है।
सूत्रों ने बताया कि बूथ स्तर पर संगठन बनाने की संकल्पना पीके की ही थी। पीके ने संगठन की मजबूती के लिए ग्राउंड लेवल पर तैयारी एक वर्ष पूर्व ही शुरू कर दी थी।
सूत्र बताते हैं कि पीके से प्रभावित होकर नीतीश कुमार ने संगठन की जिममेवारी उन्हें ही सौप दी थी। पीके मजबूती के साथ ग्राउंड लेवल मजबूती की बात करते हुए कुछ क्रिएटिव युवकों को इससे जोड़ा। दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि पीके की क्रिएटिविटी आगामी 2020 के चुनाव में ही दिखेगी, जब चुनाव परिणाम आएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here