जदयू की राजद को दो टूक, नीतीश डूबे जहाज में नहीं होंगे सवार

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पटना : कार्यकारिणी बैठक के बाद राजद के वरिष्ठ नेताओं द्वारा ईशारों—ईशारों में नीतीश कुमार को दिये गए ‘महागठबंधन में री—इंट्री’ वाले ऑफर को आज जेडीयू ने सिरे से ठुकरा दिया। जदयू के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने दो टूक कहा कि राजद अब कुछ भी कर ले, जदयू की अब राजद के पास वापसी संभव नहीं। बिहार में सीएम नीतीश कुमार के अलावा कोई और विकल्प मौजूद नहीं है। जदयू—भाजपा की एनडीए वाली सरकार राजद को विधानसभा चुनाव में भी जीरो पर आउट करेगी। नीतीश कभी भी डूब चुके राजद के जहाज में सवार नहीं होंगे।

ऑफरों से नहीं चलती पार्टी, काम करें

श्रवण कुमार ने राबड़ी—तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि ऑफरों से पार्टी नहीं चलती। जदयू और सीएम नीतीश कुमार, दोनों की नीयत, नीतियां और विकास के एजेंडे स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस की संस्कृति अलग है और उनमें आपस में कभी तालमेल हो जाता है। लेकिन हमारी सोच बिल्कुल अलग है। हम साफ नीयत और सबके साथ—सबके विश्वास और सबके विकास में भरोसा करते हैं।

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विपक्ष के पास कोई साफ एजेंडा नहीं

मानसून सत्र के दौरान विपक्ष, खासकर राजद द्वारा लगातार हंगामे पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सदन की कार्यवाही नियम से चलती है। राजद या कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष नियम के साथ अगर अपनी बात रखे तो सरकार उसका जरूर जवाब देगी। लेकिन ये लोग व्यर्थ हंगामा कर जनता का वक्त और पैसा दोनों बर्बाद कर रहे हैं।
विपक्ष के पास कोई एजेंडा नहीं बचा है। यही कारण है कि वे सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।

राबड़ी, शिवानंद, रघुवंश ने डाले थे डोरे

विदित हो कि दो दिन पहले राजद कार्यकारिणी बैठक के बाद राबड़ी देवी और आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं रघुवंश प्रसाद सिंह तथा शिवानंद तिवारी ने संकेत दिया था कि जदयू और नीतीश कुमार यदि महागठबंधन में आते हैं तो उनकी री—इंट्री संभव है। इन नेताओं ने नीतीश कुमार की जदयू को महागठबंधन में आने का एक तरह से खुला न्योता दे डाला था। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कहा था कि बीजेपी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाने, राम मंदिर बनाने और सामान आचार संहिता लागू करने के मुद्दे पर नीतीश कुमार क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को भगवान बीजेपी के खिलाफ चेहरा बनने का एक और मौका दे रहा है और जब नीतीश कुमार इन मुद्दों पर एनडीए छोड़ेंगे, तो आरजेडी उनके साथ मजबूती से खड़ा होगा।

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