पटना। पटना विवि छात्र संघ चुनाव को लेकर संगठनों की प्रतिस्पर्धा चरम पर है। एक छात्र संगठन दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। पिछले दिनों जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के कुलपति से मिलने वाली घटना के कारण छात्र जदयू की किरकिरी हुई है।
पांच दिन पहले छात्र जदयू के लिए प्रचार कर रहे पूर्व अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज की पिटाई हुई थी। छात्र जदयू का आरोप है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) के छात्रों ने दिव्यांशु को पीटा। उधर, अभाविप के कार्यकर्ताओं का कहना है कि छात्र जदयू को पता है कि इस चुनाव में उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला। इसलिए चर्चा में बने रहने के लिए वह ऐसी हरकतें कर रहा है। छात्र संघ के चुनाव में राजनीतिक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को कूदना पड़ा, इससे छात्र जदयू का खोखलापन स्पष्ट होता है।
अभाविप कार्यकर्ताओं का यह भी आरोप है कि प्रशांत किशोर सोशल मीडिया मैनेजिंग कौशल के लिए जाने जाते हैं। दुख की बात है कि इस कौशल का उपयोग वे मुद्दे को भटकाने के लिए और वोटरों को गुमराह करने के लिए कर रहे हैं। लेकिन, वाटर समझदार हैं। चुनाव में वे ऐसे तत्वों को सबक सिखाएंगे।
इन आरोप—प्रत्यारोप से साबित हो रहा है कि यह महज छात्र संघ का चुनाव न होकर, सत्ता की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनता जा रहा है।