जदयू की चाहत में लालू और जगदानंद से भिड़े रघुवंश

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पटना : अपने दो बेटों की वर्चस्व वाले सिरदर्द से राजद सुप्रीमो लालू यादव अभी उबरे भी नहीं थे कि अब उनके दो ‘सिंहों’ ने उनके लिए भारी मु​सीबत खड़ी कर दी है। पार्टी अभी विधानसभा चुनाव के मोड में आ ही रही थी कि उनके दो बड़े नेताओं के बीच महागठबंधन की एकजुटता और प्लस तथा माइनस नीतीश कुमार के प्रश्न पर ठन गई है। राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश सिंह ने लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई सुझाव भी भेजे। इधर जगदानंद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि वे ऐसे पत्रों को तवज्‍जो नहीं देते। ऐसे सुझाव आते रहते हैं।

लालू के लिए सिरदर्द बने उनके दो ‘सिंह’

इसपर रघुवंश प्रसाद सिंह ने फिर जगदानंद सिंह पर हमला करते हुए कहा कि वे ‘जयकारा टीम’ के सदस्‍य नहीं, वे पार्टी हित में बोलते हैं। रघुवंश ने पूछा कि जगदानंद उनके मालिक हैं क्या? उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद हमारे नेता हैं और हमने उनके पास अपनी बात रखी है।

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जगदानंद सिंह से क्यो नाराज हैं रघुवंश

जगदानंद सिंह ने हाल में कहा था कि लालू प्रसाद यादव महागठबंधन के समन्‍यवयक हैं और तेजस्‍वी यादव मुख्‍यमंत्री चेहरा। इसमें कोइ विवाद नहीं। जगदानंद सिंह के इस बयान पर VIP को छोड़ महागठबंधन के घटक दलों ने आपत्ति दर्ज की। उन्‍होंने महागठबंधन की समन्‍यव समिति के गठन की मांग करते हुए कहा कि ये बातें समन्‍वय समिति की बैठक में तय की जानी चाहिए। रघुवंश सिंह ने जगदानंद के उक्‍त बयान की आलोचना करते हुए उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए।

नीतीश को अपने पाले में करने की चाहत

रघुवंश ने इसपर कहा कि ऐसी भाषा की कोई जरूरत नहीं है। तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं। विधानसभा में हमारे 81 विधायक हैं। हमें किसी से प्रमाण लेने की जरूरत नहीं। रघुवंश ने कहा कि भाजपा विरोधियों को अभी एकजुट करने की कोशिश होनी चाहिए। अभी किसी के लिए दरवाजा नहीं बंद करना चाहिए। नीतीश कुमार भी देर-सवेर बीजेपी का साथ छोड़ ही। फिर वे कहां जाएंगे? अभी से हम किसी से क्यों दुश्मनी रखें?चुनाव से पहले सहयोगी दल अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए बढ़-चढ़ कर दावे करते हैं, जिसे गलत नहीं कहा जा सकता। किंतु सबसे बड़े दल होकर हम भी उन्हीं की तरह बोलने लगें तो बात कैसे बनेगी?

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