पटना : जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह साफ हो गया कि जदयू का एनडीए से गठबंधन पूर्व की भांति ही अटूट और अनवरत चलता रहेगा। इसमें किसी को कोई भी शंका नहीं होनी चाहिए। साथ ही अन्य राज्यों में विस्तार के लिए जदयू ने यह फैसला किया कि वह अपने दम पर खड़ा होना चाहती है। इसीलिए वह झारखंड समेत चार राज्यों में अकेले चुनाव लड़ेगी। आज की बैठक में चौंकाने वाली बात यह रही कि पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को इसमें बोलने का कोई मौका नहीं दिया गया। जदयू के सर्वेसर्वा नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया कि जदयू झारखंड के अलावा हरियाणा, दिल्ली और जम्मू कश्मीर में अकेले दम पर विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।
झारखंड समेत 4 राज्यों में अकेले लड़ेगा जदयू
बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में एनडीए के तमाम घटक दलों में एकजुटता है और इसी का नतीजा है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को बंपर जीत मिली है। वहीं हमें अपनी पार्टी का देश के दूसरे राज्यों में भी विस्तार करना है। इसलिए यह फैसला लिया गया है कि अक्टूबर तक पार्टी संगठन के सभी चुनाव करा लिये जाऐंगे। उधर बैठक में सभी की निगाहें प्रशांत किशोर टिकी थी कि वे कुछ बोलेंगे। लेकिन उनको बोलने का मौका नहीं मिला। कार्यकारिणी को चार प्रदेशों के अध्यक्ष और केसी त्यागी के अलावा नीतीश कुमार ने सम्बोधित किया।