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विशेष राज्य का दर्जा पर जदयू और राजद एकसाथ, भाजपा की राह अलग

पटना : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है। जहां जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष राज्य की मांग की है तो वहीं, अब बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक पार्टी राजद के तरफ से भी इसी मसले पर राज्यसभा में कार्य स्थगन का प्रस्ताव दिया गया है।

दरअसल, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने राज्यसभा में इस पर नियम 267 के तहत बहस कराने की मांग रखी है। मनोज कुमार झा की तरफ से दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव में नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।

वहीं, दूसरी तरफ देखें तो इस मामले पर बिहार भाजपा की अलग राय है। बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, मंत्री जीवेश मिश्र और छपरा से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की मुखालफत कर चुके हैं।

बिहार के विकास के लिए राज्य सरकार के पास कोई नीति नहीं

लोकसभा में रुडी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के विकास के लिए राज्य सरकार के पास कोई नीति नहीं है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिहार की मदद कर रही है और ज्यादा करना चाहती है लेकिन जब राज्य सरकार के पास नीति ही नहीं होगी तो केंद्र सरकार कैसे मदद करेगी

ऐसे में अब यह सवाल एक बार फिर उठने लगा है कि क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के बहाने राजद और जेडीयू के बीच नजदीकियां फिर से बढ़ने लगी है। क्या नीतीश कुमार वाकई तेजस्वी यादव के साथ स्पेशल स्टेटस के मसले पर करीब आ सकते हैं। क्योंकि जिस तरह से भाजपा द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है और राजद द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है उससे यही बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि राजद और जेडीयू के बीच फिर से नज़दीकियां बढ़ने लगी हैं।

बहरहाल, देखना यह है कि बिहार को विशेष का दर्जा इस बार के प्रयास में सफल होता है या नहीं और यदि सफलता मिलती है तो इसका श्रेय जिसके पास रहता है साथ ही साथ क्या विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जदयू भाजपा कैसे अपना गठबंधन तोड़ सकती है या फिर बिना किसी दौड़ जोड़ते हैं उसको इस कार्य में सफलता प्राप्त होती है।