शिक्षामंत्री और कड़क IAS के झगड़े में कूद पड़े JDU और RJD
पटना : बिहार के शिक्षामंत्री अब अपने ही विभाग के अपर मुख्य सचिव और कड़क आईएएस अफसर केके पाठक से भिड़ गए हैं। शिक्षामंत्री ने अपनी नाराजगी जताते हुए कल शाम को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ पीत पत्र जारी कर दिया। शिक्षामंत्री के इस कदम के बाद महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक दल—जदयू और राजद भी आमने सामने आ गए हैं। जहां शिक्षामंत्री को राजद सुप्रीमो लालू का करीबी माना जाता है, वहीं कड़क आईएएस पाठक मुख्यमंत्री नीतीश के चहेते अफसरों में शुमार हैं।
केके पाठक के दनादन एक्शन से मंत्री असहज
इसका नतीजा यह हुआ कि एक शिक्षामंत्री और वरिष्ठ आईएएस अफसर के झगड़े ने महा गठबंधन सरकार की एकजुटता वाले दावों की पूरी तरह हवा निकाल दी। आलम ये है कि एक तरफ आरजेडी चंद्रशेखर के बचाव में उतर आई है तो जदयू पाठक के पक्ष में खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश ने अभी जून माह में ही केके पाठक को शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाकर भेजा है। ये वही आईएएस पाठक हैं जिन्हें शराबबंदी के मोर्चे पर किरकिरी होने के बाद नीतीश ने मद्दनिषेध विभाग का जिम्मा सौंपा था।
कड़क आईएएस के खिलाफ लिखा पीत पत्र
कड़क अधिकारी पाठक ने शिक्षा विभाग में आते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिये। इस समय बिहार भर में स्कूलों में निरीक्षण चल रहा है। पटना जिले में स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान 77 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इनका वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। शिक्षकों को समय पर स्कूल आने के आदेश को लेकर तो कभी कर्मियों के जींस-टीशर्ट पहनकर कार्यालय आने पर प्रतिबंध के आदेश के कारण केके पाठक इस समय सुर्खियों में हैं।
राजद शिक्षामंत्री तो जदयू पाठक के पक्ष में
समझा जाता है कि श्री पाठक के इन ताबड़तोड़ एक्शन को शिक्षामंत्री ने खुद की अनदेखी के तौर पर ले लिया। महज पाठक की अपने विभाग में पोस्टिंग से बेचैन शिक्षामंत्री उनकी ऐसी दनादन कार्यशैली से असहज हो गए और उन्होंने पीत पत्र जारी कर दिया। अपने पीत पत्र में मंत्री चंद्रशेखर ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए नियमों के मुताबिक काम नहीं करने का आरोप लगाया है। पीत पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि शिक्षा विभाग में अब ज्ञान से अधिक चर्चा कड़क, सीधा करने, नट बोल्ट टाइट करने, शौचालय सफाई, झाड़ू मारने, ड्रेस पहनने, फोड़ने, डराने, पैंट गीली करने, नकेल कसने, वेतन काटने, निलंबित करने, उखाड़ देने, फाड़ देने जैसे शब्दों का हो रहा है जो कि ठीक नहीं है।