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जातीय जनगणना पर सब एकमत, फिर देरी क्यों?

पटना : CAA, NRC और NPR यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। इसी क्रम में आज सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं भी इस बात का समर्थन करता हूं कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिरी बार जाति आधारित गणना 1930 में हुआ था, इसलिए एक बार फिर से जाति आधारित जनगणना होनी ही चाहिए।

ज्ञात हो कि इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री बिहार भाजपा के कद्दावर नेता सुशील मोदी ने कहा कि एनपीआर की जो फॉर्म है, उसमें एक जातीय कॉलम भी होना चाहिए। यह मेरा सुझाव है। लेकिन, अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने जनगणना को जाति आधारित करने की मांग करते आएं हैं।

आख़िरकार बिहार के सभी राजनीतिक दल के मुख्य नेता ने कह दिया कि इसबार जनगणना जाति आधारित होनी चाहिए। ऐसे में अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार बिहार के सभी बड़े नेताओं की बातों को कितना तरजीह देते हैं।