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जानिए माता सीता से क्या कनेक्शन है नवादा के सीतामढ़ी का?

नवादा : नवादा के मेसकौर प्रखंड अंतर्गत ऐतिहासिक सीतामढ़ी मंदिर परिसर में प्रखंड के दर्जनों गांव के सैंकड़ों लोगों ने पप्पू यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विकास परिषद का गठन किया।
दलित नेता उपेंद्र राजवंशी ने समारोह को संचालित किया। काकोलत विकास परिषद के अध्यक्ष मसीहउद्दीन ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि स्थानीय लोगों की मान्यता है कि उत्तर बिहार की सीतामढ़ी मां जानकी की जन्मस्थली और नवादा जिला में स्थित सीतामढ़ी सीता की वनवास स्थली है। अनेक शोध, दस्तावेज और पुस्तकों से भी इस मान्यता की पुष्टि हुई है। प्रमुख अंगरेज़ लेखक डॉ जार्ज गिरयर शान द्वारा 1885 में लिखित पुस्तक दी नोट्स ऑन दी डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ गया
नामक पुस्तक में इस स्थान का विस्तार से उल्लेख किया गया है। हिन्दी के जाने माने लेखक अनिल विभाकर ने शोध के उपरांत अपनी पुस्तक में यह उल्लेख किया है कि नवादा जिला के मेसकौर प्रखंड में अवस्थित सीतामढ़ी के आसपास कटघरा और बारत सहित अनेक स्थानों में बहुत सारे रामकालीन अवशेष मौजूद हैं तथा इसके पास से गुज़रने वाली तिलैया नदी रामकालीन तमसा नदी है।
नरहट थाना के पास स्थित कुशा गांव रामकालीन कुश स्थली है। मसीहउद्दीन ने अपने सम्बोधन में बताया कहा कि उनके प्रयास से नवादा के जिला पदाधिकारी ने सीतामढ़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अनुशंसा राज्य सरकार से की है। इस अवसर पर झिकरुआ सूर्य मंदिर के अध्यक्ष जयराम सिंह,संजय यादव, विजय चौहान, डीत्या परधान, अवध किशोर चंदवंशि, अशोक शर्मा, उपेन्द्र राजवंशि, नन्दकिशोर चौहान, ज़ांजय कुमार, अशोक चौहान, प्रभु राम आदि मौजूद थे ।
बैठक के अंत में सदस्यों ने मंदिर परिसर व छठ घाट की सफाई की ।