जलजमाव पीड़ितों का धरना, मुआवजे के साथ कार्रवाई की मांग

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पटना : भौगोलिक संरचना एवं प्रकृति के अनुरूप विकसित किये गए जलसंचयन के उपक्रमों को नष्ट किये जाने के कारण राजधानी पटना में बारिश की वजह से दस दिनों तक जलजमाव की समस्या बनी रही। जलजमाव से हुई बर्बादी को लेकर आक्रोशित लोगों ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के घर का घेराव किया था। लेकिन, हुआ कुछ नहीं जिसके बाद लोग आज फिर धरने पर बैठे .

राजेंद्र नगर इलाके के लोग जलजमाव की समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, सबसे ज्यादा नुकसान राजेंद्र नगर,बाजार समिति, लोहानीपुर, दिनकर गोलंबर, संदलपुर, कुम्हरार,कंकड़बाग व भूतनाथ के लोगों को उठाना पड़ा। जलजमाव से पीड़ित लोग रविवार को मेकडोवल गोलंबर पर आपदा पीड़ित मंच द्वारा एकदिवसीय धरना पर बैठ हुए हैं । धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जलजमाव के कारण जो नुकसान हुआ है उसके मुआवजे के साथ-साथ दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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मालूम हो कि बीते दिन एल एंड टी के प्रोजेक्ट मैनेजर मीडिया को सैदपुर सीवरेज से सम्बंधित काम को लेकर जानकारी दे रहे थे। तभी आक्रोशित व पीड़ित नागरिकों ने कार्यालय में घुसकर जमकर हंगामा करने लगे। लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी सही से काम नहीं कर रही है, जिसके कारण जलजमाव की समस्या से सामना करना पड़ा। जवाब में एल एंड टी कंपनी के मैनेजर ने कहा कि हमारे कंपनी को यह काम 2018 में मिला था। उन्होंने कहा कि इसके तहत 172 किलोमीटर का काम है। अभी तक 60 किलोमीटर का काम हुआ है । मैनेजर ने कहा कि हमारा काम जल निकासी का नहीं है। हमलोग किसी तरह से जिम्मेदार नहीं हैं, बेवजह आरोप लगाया जा रहा है। हमने एक भी सीवरेज डैमेज नहीं किया है सरकार ने हमें ग़लतफ़हमी में नोटिस जारी कर दिया है।

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