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जलजमाव के ‘ब्लेम गेम’ से निकले कचड़े में फंस गई भाजपा

पटना : जलजमाव के बाद बिहार की राजधानी पटना जहां डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल फीवर की चपेट में है, वहीं सरकार में शामिल भाजपा के मंत्री आपस में ही ‘ब्लेम गेम’ कर रहे हैं। ताजा मामला नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा और राज्य के डिप्टी सीएम सुशिल मोदी का है। यही नहीं, भाजपा के एक धड़े में शामिल कतिपय नेता पटना की इस हालत के लिए सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को सीधे—सीधे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लब्बोलुआब यह कि जिन्हें अपनी जनता को मुसीबत से बचाना था, वे एक दूसरे को आफत का जिम्मेदार ठहराने में वक्त जाया कर रहे हैं।

नगर विकास मंत्री ने की जांच कमेटी की घोषणा

पटना क्यों डूबा, इसकी जांच के लिए बिहार के भाजपा कोटे के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने की बात कही। इसमें उन्होंने अध्यक्ष से लेकर सदस्य तक उन्हीं लोगों को बना डाला, जो राजधानी पटना की दुर्दशा के लिए जिम्मेवाद थे। ऐसे में डिप्टी सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी ने हस्तक्षेप किया और ऐलान कर दिया कि कोई जांच कमेटी नहीं बनी।

डिप्टी सीएम के ऐलान के बाद बदले मंत्री के सुर

इधर डिप्टी सीएम के इस ऐलान के बाद सुरेश शर्मा के भी सुर बदल गए। उन्होंने भी अपनी बात से पलटते हुए कहा कि कोई जांच कमिटी नहीं बनी है। सोमवार को सीएम की बैठक के बाद जांच कमिटी बनाने पर फैसला लिया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि कमिटी में वे लोग शामिल नहीं होंगे, जिनपर जलनिकसी का जिम्मा था।

डिप्टी सीएम को क्यों करना पड़ा हस्तक्षेप

इधर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने जिस तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी उसमें नगर विकास सचिव अध्यक्ष बनाए गए थे, जबकि संप हाउस संचालन के लिए जिम्मेवार बुडको एमडी और नाला सफाई के जिम्मेवार नगर निगम कमिश्नर को सदस्य बनाया गया था। इसपर सवाल उठे कि यह कैसी जांच कमेटी है जिसमें मौजूदा हालात के जिम्मेवाद लोगों को ही जांच का जिम्मा दे दिया गया। हालांकि अपने नगर विकास मंत्री की चूक को डिप्टी सीएम ने शीघ्र ही पकड़ लिया और बयान दे दिया कि कोई कमिटी नहीं बनी। अब सीएम की बैठक के बाद कमिटी बनेगी

बदइंतजामी से गुस्से में पटना की जनता

पटना के अब उन इलाकों से भी पानी निकल रहा है जहां कई दिनों से जमा हुआ था। लेकिन हर तरफ गंदगी का अंबार है। ऐसे में लोगों का गुस्सा स्थानीय जन प्रतिनिधयों और राज्य सरकार पर फूट रहा है। लोग काफी आक्रोशित हैं। कुछ इलाकों में पानी निकलने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचे भी, लेकिन लोगों ने उन्हें यह कहते हुए उल्टे पांच खदेड़ दिया कि अब आपका यहां क्या काम? अब तो हम अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में आपसे बात करेंगे।