जल्दी फुल करा लें टंकी, 6 रुपये तक महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल!

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नयी दिल्ली : आपके फेस्टिव सीजन वाले मूड पर महंगाई का जबर्दस्त तड़का लगने वाला है। यदि आप जल्दी अपनी गाड़ी की टंकी फुल करा लेते हैं तो थोड़े फायदे में रहेंगे। बहुत जल्द पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के बाद ये दोनों चीजें कम से कम छह रुपये तक महंगी हो जायेंगी।

ये है तेल की कीमत वृद्धि का कारण

प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के खिलाफ जंग और इस कारण परेशान हाल हो चली अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ऐसा करने का मन बना रही है। संसाधनों की पूर्ति के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाना सरकार की मजबूरी हो गई है। विश्व के अन्य देशों की तरह ही भारतीय अर्थव्यवस्था को भी कोरोना महामारी की वजह से काफी तगड़ा झटका लगा है। इस नुकसान की भरपाई और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए पैसों की जरूरत है। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी की होने वाली बढ़ोतरी को इसी संदर्भ में उठाया गया एक कदम माना जा रहा है।

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आम जनता पर कम पड़ेगा बोझ

हालांकि आम जनता पर इसका बोझ कम पड़ने की संभावना है। केंद्र सरकार इसके लिए कुछ ऐसे फॉर्मूले पर काम कर रही है, जिससे सरकार को अलग आमदनी हो जाए और आम लोगों पर सीधे असर भी नहीं पड़े। यानी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम गिरने के बाद जितना पेट्रोल-डीज़ल सस्ता होना चाहिए था, अब वो जनता के लिए नहीं होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल 45 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाकर आम लोगों को यह फायदा न देकर अर्थव्यवस्था को फंड देने के लिए खुद इस लाभ का फायदा उठाना चाहती है।

सरकार को होगा इतना फायदा

पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में हर एक रुपये की बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के खजाने में 13,000-14,000 करोड़ रुपये सालाना की बढ़ोतरी होती है। असल में भारत अपनी जरूरतों का करीब 82 फीसदी क्रूड खरीदता है। ऐसे में क्रूड की कीमतें घटने से देश का करंट अकाउंट डेफिसिट भी घट सकता है। फिलहाल जो पेट्रोल हम खरीदते हैं उसमें से केवल 31.83 रुपये प्रति लीटर टैक्स देते हैं। वहीं डीजल की प्रत्येक लीटर की खरीद पर 31.83 रुपये टैक्स लगता है।

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