जेटली को नीतीश की अनोखी श्रद्धांजलि, पटना में प्रतिमा, जयंती पर राजकीय समारोह
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक बड़ा फैसला करते हुए भाजपा के कद्दवार नेता पूर्व वित्त मंत्री और अपने करीबी मित्र स्वर्गीय अरुण जेटली की आदमकद प्रतिमा पटना में लगाने का ऐलान किया। सीएम ने कहा कि बिहार के विकास की गति को तेज करने में अरूण जेटली की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बिहार की राजधानी पटना में उनकी प्रतिमा लगेगी। इसके साथ ही बिहार सरकार प्रतिवर्ष उनकी जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाएगी।
सीएम बनाने में जेटली जी की भूमिका नहीं भूले नीतीश
मुख्यमंत्री एनडीए की ओर से शनिवार को आयोजित अरूण जेटली की ‘श्रद्धांजलि सभा’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेटली जी का असमय निधन बिहार व देश के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। एनडीए के वे संकटमोचक थे। नीतीश कुमार ने कहा कि जेटली जी के विशेष प्रयास से हम जैसे लोगों को बिहार की सेवा का अवसर मिला। वे वर्तमान राजनेताओंं की कतार में अलग दिखते थे क्योंकि मतभेद के बावजूद किसी राजनीतिक दल के नेता व कार्यकर्ता से उनका संवाद टूटता नहीं था। सीएम नीतीश ने कहा कि वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेटली जी की भूमिका को वे नहीं भूल सकते।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अरूण जी कुशल राजनीतिक रणनीतिकार एवं चुनाव प्रबंधक भी थे। जब भी एनडीए के समक्ष संकट होता था तो वे संकटमोचक बनकर सामने आ जाते थे। वे जयप्रकाश नारायण के भी विश्वासपात्र थे। जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में उन्हें मात्र 27 वर्ष की उम्र में शामिल किया गया था। वे कार्यसमिति में सबसे कम उम्र के सदस्य थे।
लोजपा ने की जेटली को भारत रत्न देने की मांग
श्रद्धांजलि सभा में विलंब से पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस ने अरुण जेटली को भारत रत्न दिये जाने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष विजय चैधरी ने कहा कि राजनीति में उन्होंने अपनी विश्वसनीयता और संवाद क्षमता को बरकरार रखा। यही गुण उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग करता है।
भाजपा के दिग्गजों ने पुराने दिन किये याद
भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि समस्याओं को सामने देखकर भी मुसकुराते रहने वाले जेटली जी में सरलता व सहजता से उसके समाधाान के रास्ते निकाल देने की क्षमता थी। उनका बिहार से लगाव था और अक्सर बिहार का उदाहरण देकर अपनी बात कहते थे। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में उन्होंने जो नैतिक आचरण अपने व्यवहार में उतारा वह अनुकरणीय है। पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि वे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को गलत नहीं मानते थे लेकिन व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दल के हित के ऊपर नहीं होना चाहिए। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य गोपाल नारायण सिंह, मंगल पांडेय, डा. सीपी ठाकुर, कृषि एवं पशुपालन मंत्री डा.प्रेम कुमार ने भी उनके प्रति अपने उद्गार व्यक्त किए।