जदयू को धोखा, केजरीवाल के लिए काम करेंगे प्रशांत किशोर

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दिल्ली/पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के नजदीक आते ही चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। वहां की मुख्य राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी तथा इसबार दिल्ली विधानसभा का चुनाव नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भी लड़ने का एलान कर चुकी है। क्योंकि दिल्ली में बिहारी मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। सभी पार्टी जनता के बीच जाकर अपने काम के आधार पर वोट मांग रही है।

जदयू के खिलाफ प्रचार करेंगे पीके

लेकिन, दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सबसे बड़ी घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के सरंक्षक अरविंद केजरीवाल ने की। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘ये बताते हुए खुशी हो रही है कि इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) हमारे साथ आ रही है। आपका स्वागत है। मतलब अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए देश के पॉलिटिकल मर्चेंट पेशीय राजनीतिक रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर अब अपनी पार्टी जदयू के खिलाफ दिल्ली में प्रचार करेंगे तथा इसके लिए प्रशांत किशोर ने केजरीवाल से हाथ मिलाया है।

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CAB और NRC का विरोध प्रशांत किशोर की मजबूरी

मालूम हो कि I-PAC प्रशांत किशोर की एजेंसी है, जो औपचारिक रूप से राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार करती है। केजरीवाल और पीके ने उस समय औपचारिक रूप से हाथ मिलाया है, जब पीके अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का सार्वजनिक तौर पर नागरिकता संशोधन बिल पर विरोध कर रहे हैं और सवाल भी उठा रहे हैं। वहीं पीके के इस हरकत से आहत होकर जदयू ने यह कह दिया कि प्रशांत किशोर अनुकंपा पर जदयू में हैं, पार्टी के लिए कुछ नहीं किये हैं। सूत्रों की माने तो प्रशांत किशोर का जनता दल यूनाइटेड से छुट्टी जल्द संभव है। क्योंकि पीके के इस हरकत से जदयू की काफी आलोचना हो रहा है। जानकार का कहना है कि CAB और NRC का विरोध प्रशांत किशोर की मजबूरी है। अगर पीके विरोध नहीं करेंगे तो उनका दुकान बंद हो सकता है।

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