बड़हिया : नई दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलखंड पर अवस्थित बड़हिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर पिछले 3 दिनों से ग्रामीणों द्वारा आमरण अनशन जारी है।
जानकारी हो कि लखीसराय जिलांतर्गत अवस्थित बड़हिया रेलवे स्टेशन करीब 150 साल पुराना रेलवे स्टेशन है। लखीसराय जिले के 60 गावों के 4 लाख से अधिक लोगों के मुख्य शहरों से जोड़ने का एकमात्र रेलवे स्टेशन है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के दौरान यहां रुकने वाली प्रमुख ट्रेनों का स्टॉपेज हटा दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा जनवरी के पहले सप्ताह में ही रेलवे के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर यह सूचना दी गई थी कि यदि 16 जनवरी से कोरोना संक्रमण के दौरान हटाये गए ट्रेनों का ठहराव वापस से नहीं किया जाता है तो आमरण अनशन किया जाएगा।
वहीं, इस पत्र को लेकर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने रेलवे महाप्रबंधक,रेल प्रबंधक पूर्व मध्य रेल दानापुर, मंडल रेल प्रबंधक पूर्व रेल मालदा को इसकी सूचना पत्रांक 02/01/ 2021 के माध्यम से पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी थी।
इस सूचना के आधार पर रेलवे के एसडीआरएम विभूति बी गुप्ता ने पत्र जारी कर बताया कि 3 जनवरी 2021पत्रांक 510 के माध्यम से रेलवे बोर्ड को इसकी सूचना दे दी गई है।
बड़हिया की पुकार सुनने वाला कोई नहीं
वहीं बड़हिया रेलवे स्टेशन वर्तमान में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है क्योंकि यह केंद्रीय पशु पालन मंत्री गिरिराज सिंह का गृह जिला है। जदयू के कद्दावर नेता ललन सिंह का संसदीय क्षेत्र भी है। इसके अलावा बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का यह विधानसभा क्षेत्र भी है इसके बावजूद बड़हिया की पुकार सुनने वाला कोई भी नहीं है।
बता दें कि छह दशक पहले तूफान एक्सप्रेस के ठहराव को लेकर लखीसराय जिला वासियों ने वर्ष 1975 में पटरी पर बैठ कर आंदोलन कर रहे थे लेकिन तेज रफ्तार ट्रेन ने तकरीबन दो दर्जन लोगों की जान ले ली थी। वहीं इस बलिदान के रेलवे को ग्रामीणों के मांग के सामने झुक कर ठहराव देना पड़ा था। लेकिन वर्तमान परिवेश में भी ग्रामीणों द्वारा गांधीवादी तरीके से ट्रेन के ठहराव को लेकर अनशन करना अपने आप में एक बहुत बड़ी मिसाल है।
इसके लिए रेल की सुविधा को पुनर्बहाल किये जाने की मांग को लेकर नगर व प्रखंड क्षेत्र निवासी मनोरंजन कुमार, रामस्वारथ सिंह, शिवदत्त कुमार, अखिलेश कुमार और विकास कुमार लड्डू के द्वारा आमरण अनशन का आगाज किया है।