पटना : बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष के साथ अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने निर्देश दिया कि राज्य में नए ईंट-भट्ठा स्थापित करने के लिए नई स्वच्छता तकनीक को अपनाना अनिवार्य होगा। सरकार ने थर्मल पॉवर प्लांट के 300 किमी की परिधि के ईंट-भट्ठों के लिए 25 प्रतिशत फ्लाई ऐश के प्रयोग की बाध्यता को भी शिथिल करने का निर्देश दिया है।
विगत साल 1700 ईंट-भट्ठा संचालकों ने नई स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित करने के लिए शपथ पत्र दालिख किया था उनमें से 1100 ने अपने ईंट-भट्ठों को नई तकनीक में परिवर्तित कर लिया है। पहले से संचालित शेष बचे ईंट-भट्ठे जो अभी तक नई स्वच्छता तकनीक को नहीं अपनाएं हैं, उनको परिचालन की अनुमति के लिए एफिडेबिट करना होगा कि अगले एक वर्ष में वे अपने भट्ठों को नई स्वच्छता तकनीक में परिवर्तित कर लेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि पुरानी तकनीक वाले ईंट-भट्ठों से 1 लाख ईंट तैयार करने में 20 टन कोयले की खपत होती है जबकि नई स्वच्छता तकनीक अपनाने के बाद 12 टन कोयले की ही खपत होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होने से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण होगा।