इस वजह से सबसे ज्यादा चर्चे में सारण से निर्दलीय MLC चुनाव जीतने वाले सच्चिदानंद राय
सारण : स्थानीय निकाय कोटे से हुए विधान परिषद चुनाव का कुछ सीटों पर परिणाम घोषित हो गया है। इसी कड़ी में इस परिषद चुनाव में सारण सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सच्चिदानंद राय चुनाव जीत गए हैं। भाजपा के धर्मेंद्र कुमार सिंह और राजद के सुधांशु रंजन पांडे को चुनावी मात देकर एक बार फिर से विधान परिषद जाने का रास्ता साफ कर लिया है। सच्चिदानंद राय को 2758 वोट मिली है। मालूम हो कि सारण में कुल 5451 मतदाता थे।
पिछली बार भी चुनाव जीत चुके हैं सच्चिदानंद राय
दूसरे नंबर पर राजद के सुधांशु रंजन पांडे रहे, जबकि भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र कुमार सिंह तीसरे नंबर पर रहे। सच्चिदानंद राय इस सीट से पिछली बार भी चुनाव जीत चुके हैं। वो पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस बार अंतिम समय में भाजपा की तरफ से उनका टिकट काट लिया गया था और वहां से धर्मेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया गया था। इसके बाद भाजपा के इस रवैए से नाराज सच्चिदानंद राय ने निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे।
बता दें कि भाजपा द्वारा राय का टिकट काटने के बाद सारण समेत बिहार में तमाम सवर्ण समाज के लोग भाजपा को लेकर नाराज थे। उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी कब तक पार्टी के काबिल नेताओं को दरकिनार करते रहेगी। इसके बाद ब्रह्मजन समाज सच्चिदानंद राय के पक्ष में गोलबंद हुई।
भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर सच्चिदानंद राय ने अपने ऊपर भाजपा की तरफ से नाइंसाफी करने का आरोप भी लगाया था। सच्चिदानंद राय का कहना था नेतृत्व का परिक्रमा नहीं कर पाने के कारण टिकट से वंचित किया गया। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला लिया। इसके बाद चुनाव प्रचार के दौरान उनके समर्थक और मतदाता जबरदस्त तरीके से साथ देरहे थे। इससे यह प्रतीत हो रहा था कि सारण क्षेत्र पर सच्चिदानंद राय का ही कब्जा होगा।
वहीं, राय की जीत के बाद भाजपा को जोरदार झटका लगा है। जिससे अपने पुराने पर जीते हुए प्रत्याशियों भरोसा ना कर एक नए चेहरे पर भरोसा किया जिसका परिणाम उसको हार से भुगतना पड़ा।