नवादा : नवादा मंडल कारा में बंद कैदियों द्वारा धड़ल्ले से स्मार्ट फोन इस्तेमाल की बात सामने आई है। यहां के कैदी रोहित कुमार उर्फ धोनी उर्फ माही यादव द्वारा जेल से फेसबुक चलाने की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह अकाउंट उसी के नाम से बना हुआ और संचालित हो रहा है। इससे संबंधित उसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
बिहार के विभिन्न जेलों में अक्सर प्रशासन द्वारा छापेमारी होती रहती है और अक्सर यह बात सामने आती है कि जेल के अंदर से कैदी फोन पर बात करते हैं। इसकी जांच को लेकर जेलों में छापेमारी के विशेष अभियान चलाए जाते रहे हैं। रूटीन छापेमारी में जेलों से मोबाइल फोन भी मिलते रहे हैं। हालांकि स्मार्टफोन के इस्तेमाल की खबरें सामने कम ही आती हैं। ऐसे में बिहार के नवादा से आई कुछ तस्वीरें जेल प्रशासन के अलर्टनेस की पोल खोल रही हैं। दरअसल नवादा जेल से एक कैदी न सिर्फ मोबाइल चला रहा है, बल्कि अपना फेसबुक अकाउंट भी अपडेट करता है।
नवादा मंडल कारा में बंद जिस कैदी के फेसबुक चलाने का फोटो वायरल हो रहा है, वह उग्रवाद प्रभावित रजौली के टकुआटांड का रहने वाला है। रोहित कुमार उर्फ धोनी उर्फ माही यादव नामक कैदी द्वारा जेल से फेसबुक चलाने की बात सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वहां कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है।
फोटो दो अलग-अलग तारीखों में फेसबुक पर पोस्ट किया गया है। इसमें उसके अलग-अलग मुद्राओं के फोटो वायरल हुए हैं। पहला फोटो जेल वार्ड के भीतर खाना खाते हुए लिया गया है। यह फोटो 18 मई को फेसबुक पर पोस्ट किया गया था। दूसरा फोटो कल मंगलवार 28 मई की सुबह पोस्ट किया गया। इसमें रोहित तीन विभिन्न पोज में सफेद गंजी और सफेद लुंगी में मोबाइल हेडफोन कान में लगाए हुए आराम फरमा रहा है।
जैसे ही यह बात सामने आई है पूरे प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। इस खबर के सामने आने के बाद नवादा जेल प्रशासन तुरंत हरकत में आया। बता दें कि रोहित 13 अप्रैल से मारपीट के एक मामले में नवादा मंडल कारा में बंद है। हालांकि बात सामने आने के बाद उसके अकाउंट से सभी फोटो को हटा लिया गया है। बहरहाल जेल में कैदियों को कितनी छूट मिला करती है, ये बात इस कैदी की कारगुजारी और अधिकारियों की लापरवाही से सामने आ चुकी है।
जेल अधीक्षक ने इस पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है। पिछले कुछ सालों से लगातार नवादा मंडल कारा में छापेमारी होती रही है। लेकिन इसके बावजूद जेल से फेसबुक ऑपरेट करने की इस घटना ने पूरे प्रशासनिक महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Swatva Samachar
Information, Intellect & Integrity