नवादा : अनंत चतुर्दशी का पर्व पंचांग के अनुसार 1 सितंबर 2020 को मनाया जाएगा। इसे अनंत चतुर्दशी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पंचांग के अनुसार 1 सितंबर 2020 को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी की तिथि है। इस तिथि को ही अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने और इस दिन अनंत सूत्र को बांधने से कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु का आर्शीवाद प्राप्त होता है। अनंत चौदस की पूजा घर की नकारात्मक ऊर्जा को भी नष्ट करती है। इस व्रत के दौरान विशेष संयम और नियमों का पालन करना चाहिए तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
अनंत चतुर्दशी की पूजा से दूर होती हैं जीवन की परेशानियां:
अनंत चतुर्दशी की पूजा जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करती है। यह पूजा ग्रहों की अशुभता को भी दूर करती है। जिन लोगों के जन्म कुंडली में काल सर्प दोष है उन्हें इस दिन पूजा करने से लाभ मिलता है, क्योंकि इस दिन शेषनाग की भी पूजा की जाती है। काल सर्प दोष व्यक्ति का जीवन संकट और संघर्षों से भर देता है।
अनंत चतुर्दशी की व्रत और पूजा की विधि:
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थान को स्वच्छ करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर भगवान का स्मरण करना चाहिए। भगवान विष्णु की प्रिय वस्तुओं का अर्पण करना चाहिए. पूजा में पीले पुष्प और मिष्ठान का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि भगवान विष्णु को पील रंग प्रिय है। अनंत सूत्र को भगवान विष्णु के चरणों में रखने के बाद धारण करें। पुरुष अनंत सूत्र को दाएं और महिलाएं बाएं हाथ पर बांधे।
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त:
01 सितंबर की सुबह 05 बजकर 59 से 09 बजकर 41 मिनट तक अनंत चतुर्दशी की पूजा का मुहूर्त है।
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