पुलिस मुख्यालय आरक्षी अधीक्षकों को जारी निर्देश की महज एक पंक्ति विपक्षी के लिए सरकार के खिलाफ मिसाईल बन गयी है। हालांकि इस पर हो रहे विवाद व विरोध को लेकर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बैकफूट पर आते हुए मामले को संभालने की कोशिश की पर, एक अनुशासित संगठन के टाॅप ब्रास अफसर द्वारा जारी निर्देश को विपक्ष ने भुनाना शुरू कर दिया है।
दरअसल, दो दिनों पूर्व एडीजी लाॅ एण्ड अमित कुमार ने पत्र जारी कर सभी आरक्षी अधीक्षकों को निर्देश दिया था कि विधि-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सभी संवेदनशील बिन्दुओं पर नजर रखें। पत्र में यह भी वर्णित है कि प्रवासी मजदूरों के लौटने पर अपराध में वृद्वि की आशंका है। कारण कि यहां रोजगार के अवसर कम हैं।
यह लेटर विभागीय गुटबंदी के कारण लीक कर गया। फिर क्या था विपक्ष ने इसे हथियार बना कर स
रकार पर हलला बोलते हुए कहना शुरू कर दिया कि मुख्यमंत्री द्वारा रोजगार सृजन की बात आईवाश है। खुद सरकार की सबसे बड़ी एजेंसी ने स्वीकार कर लिया है कि यहां रोजगर के अवसर न तो हैं और न होगा।
मजदूरों की पुनर्वापसी शुरू, दूसरे राज्यों से आने लगी बसें
वैसे, भले ही आॅब्जेक्टिव लेखन किया गया हो पर, सच तो यह है कि मजदूरों को भी एहसास हो गया है कि यहां रोजगार के अवसर कम हैं। यही कारण है कि पंजाब, हरियाणा तथा दिल्ली आदि राज्यों से उद्योगपतियों ने अपनी फैक्टरी से धुआं निकालने के लिए बसों को भेजकर उन्हें बुलाना शुरू कर दिया है।
जानकारी मिली है कि मुजपफरपुर के मीनापुर, सीतामढ़ी, रून्नीसैदपुर, तथा पश्चिमी व पूर्वी चम्पारण में दूसरे राज्यों से बसों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। कई बसों से श्रमिकों की पुनर्वापसी शुरू हो गई है।