नकली देशभक्ति नहीं चलेगी: इंद्रेश कुमार, पढ़िए सिद्धू को क्या कहा?

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Indresh Kumar, RK Singh inaugurate seminar on Demographic Change: Challenge before Nation, org by FANS in Patna on Monday. (Pic: Abhilash Dutt)

पटना। भारत के लिए घुसपैठिए बोझ हैं। बांग्लादेश से ढाई करोड़ लोग अवैध रूप से यहां रह रहे हैं। उन लोगों ने भारत के जल, जंगल, जमीन, प्राणवायु, रोजगार आदि पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद भी कुछ लोग इनके पक्ष में बोलते हैं और इनका समर्थन करते हैं। इससे बड़ी मूर्खता व अज्ञानता कुछ नहीं हो सकती। उनके प्रति मित्रता रखने वाले लोग भारत के साथ पाप व अपराध कर रहे हैं। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (एफ.ए.एन.एस.) के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहीं। वे सोमवार को एफएएनएस द्वारा एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में आयोजित ’जन सांख्यिकी परिवर्तनः राष्ट्र के समक्ष एक चुनौती’ विषय पर संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इन घुसपैठियों के कारण भारत के 60 प्रतिशत मुसलमानों व 32 प्रतिशत दलितों ने रोजगार गवांए हैं। इनसे निपटना मुश्किल हो रहा और ऊपर से राहिंग्या मुसलमानों को बसाने की साजिश चल रही है। ऐसा करने वाले भारत के सबसे बड़े अपराधी हैं। भारत ने 16 देशों के करीब 45 लाख शरणार्थियों को शरण दे रखा है और सभी शांति से रह भी रहे हैं। दुनिया में दूसरा कोई और ऐसा देश नहीं होगा। फिर भी कुछ लोगों का यहां दम घुटता है और यहां असहिष्णुता दिखती है। ऐसा करने वाले लोग एंटी सेक्युलर, एंटी नैशनल व एंटी डेमोक्रेट हैं। रोहिंग्या को बसाने के लिए हम ही क्यों मानवता दिखाए। अमेरिका, रूस, चीन आदि के पास हमसे अधिक जमीन हैं। लेकिन किसी देश के किसी नागरिक ने आपराधिक प्रवृत्ति के रोहिंग्याओं को अपने यहां शरण देने की चर्चा तक नहीं की। एक भारत ही है, जहां कुछ लोग मूर्खतापूर्ण कार्य के लिए गला फाड़ रहे हैं।
भारत को लेकर स्थिति एकदम स्पष्ट होनी चाहिए। भारत यहां के लोगों का हैं और इसके प्रति निष्ठा रखनी है। इसमें कोई कंफ्यूजन नहीं है। नकली देशभक्ति नहीं चलेगी। उचित को समझने में कंजूसी नहीं होनी चाहिए। हिंदुस्तान के समाज को कोई आइना न दिखाए। भारत का हर इंच भूमि भारत के लोगों के लिए है। जितनी जल्द यह सत्य समझ लें, उतना अच्छा है।

Chief Speaker Indresh Kumar addressing the seminar. (Pic: Abhilash Dutt)

इंद्रेश कुमार ने कहा कि दिल्ली जो मौलवी पाकिस्तान के पीएम को बुलाने की बात करता था, उसे समझना चाहिए कि इमरान खान पाक पीएम पद की शपथ ले रहे थे, तो भारत के एक भी मुल्ला-मौलवी को नहीं बुलाया। इमरान खान से ये पूछें कि वे एक दिन के लिए लाहौर में तिरंगा फहराने देगा? अगर नहीं, तो भारत में पाकिस्तान का झंडा फहराने वाले का विरोध उनको करना चाहिए। इमरान द्वारा भारत को औपचारिक निमंत्रण नहीं देने के बावजूद, नवजोत सिंह सिद्धू इमरान के शपथग्रहण में गए। यह देश से धोखा हुआ। पहले जयचंद व मीर जाफर जैसे गद्दार थे। अब उनकी जगह सिद्धू जैसे लोगों ने ले ली है।
संघ नेता ने कहा कि कांग्रेस ने देश को आजादी नहीं, बल्कि विभाजन दिया। महात्मा गांधी ने कभी आजादी का जश्न नहीं मनाया। आजादी के झंडोतोलन कार्यक्रम में वे नहीं गए। उनके अलावा आचार्य कृपलानी, विनोभा भावे, डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी या तिलक, भगत सिंह, बोस या किसी बलिदानी के परिजन उन समारोहों में नहीं गए। बापू इसे आजादी नहीं, बल्कि विभाजन मानते थे। बंटवारे के पहले किसी कांग्रेसी ने अंग्रेजों से ’डाॅक्युमेंट आॅफ इंडेपेंडेंस’ की मांग नहीं की। इसके बदले चुपचाप ’पेपर आॅफ पार्टिशन’ को स्वीकार कर लिया। गांधी जी ने कहा था कि बंटवारा उनके लाश पर होगा। 15 अगस्त 1947 के बाद कांग्रेसी उनके पास ’सेलेब्रेट इंडेपेंडेेंस’ का संदेश लेने गए। लेकिन, गांधी ने संदेश दिया- सब कोई उपवास करो। 1947 के पहले कांग्रेस एक आंदोलन का नाम था। बाद में पार्टी बनी।
कार्यक्रम में केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने आंकड़े देते हुए बताया कि पूर्वोत्तर भारत में मूल निवासियों के मुकाबले घुसपैठियों के कारण डेमोग्राफिक परिवर्तन आया है। अंग्रेजों का फाॅरनर एक्ट-1946 को 1981 में बदल दिया गया, जिससे घुसपैठियों को भारत में बसने में आसानी हो गई। फिर असम अकोर्ड आया। अपने वोट बैंक के खातिर उस समय के नेताओं ने राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता कर लिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि हमारी मूल विरासत को कमजोर कर बहुसंख्यक को कम करने का कुत्सित प्रयास चल रहा है, जिसे कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। डेमोग्राफिक में ज्यादा असंतुलन हुआ, तो हम कानून बनाने लायक भी नहीं रहेंगें। संगोष्ठी में केरल उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूपी सिंह ने और एफएएनएस के बिहार मंत्री गोलोक बिहारी राय ने भी संबोधित किया।

swatva

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