इंडियन डेयरी के ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर पटना में बने : नीतीश

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पटना : इंडियन डेयरी एसोसिएशन यदि मानता है कि ईस्टर्न जोन में दुग्ध उत्पादन में बिहार सबसे आगे है तो ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर पटना में होना चाहिए। इससे दुग्ध उत्पादन में और भी वृद्धि होगी। बिहार जो अभी ईस्टर्न जोन में नं एक और देश में दुग्ध उत्पादन में 6ठे स्थान पर है, हमारी कोशिश होगी कि बिहार को टॉप 3 में लाया जाए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में इंडियन डेयरी एसोसिएशन के 47वें राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इंडियन डेयरी एसोसिएशन को पटना में कॉन्फ्रेंस करवाने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इससे एक बात तो साफ है कि दुग्ध उत्पादन में बिहार बहुत अच्छा कर रहा है। उन्होंने इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अधिकारियों से यह भी आग्रह किया कि यदि डेयरी के साथ-साथ ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाय तो किसानों की आए दोगुनी हो जाएगी। ऑर्गेनिक फार्मिंग से उत्पादकता बढ़ती है। गाय के गोबर, वर्मी कम्पोस्ट, बायो-पेस्टिसाइड की मांग बढ़ेगी और किसानों की आय इससे बहुत बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार की 89 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गांवों में बसती है। ग्रामीण लोगों की आय का एक तिहाई कमाई सिर्फ डेयरी से होती है। नीतीश कुमार ने कहा कि 2008 में उनकी सरकार ने कृषि रोड मैप बनाए थे। दूसरा कृषि रोड मैप 2012 में बना था ,इसमे इरीगेशन, बिजली से संबंधित मामले सहित कई प्रमुख बातों को जोड़ा गया था। अब तो हर गांव में पक्की नली और पक्की सड़क की बात हो रही है। तीसरा कृषि रोड मैप में दुग्ध उत्पादन कैसे बढ़े इस पर कई योजनाएं बनी हैं। नीतीश कुमार ने बदलते हुए पर्यावरण पर कहा कि आज जो क्लाइमेट चेंज हुआ है उसके दोषी हम नहीं बल्कि विदेश में बैठे लोग हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में बारिश 12सौ से 15 सौ मिलीलीटर होती थी। लेकिन अब 800 मिलीलीटर रह गयी है। पशुपालन और गौ-पालन करना ज़रूरी हो गया है। बिहार में जो दुग्ध उत्पादन में तेज़ी आयी है उसमें कुरियन का बहुत बड़ा हाथ है। 2005 में जब सत्ता संभाली थी तब 4 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता थी जो आज बढ़कर 20 लाख लीटर प्रतिदिन हो गई है। मिल्क पाउडर बनाने का प्लांट बिहार शरीफ में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज 22 हज़ार दुग्ध समितियाँ बिहार में हैं और लाखों लोग इससे जुड़े हैं। इसमें महिलाओं की संख्या ढाई लाख हो गई है। हमारी सरकार का उद्देश्य ही है महिलाओं को आगे बढ़ाने का और इसलिए कॉम्फेड की अध्यक्ष भी महिला को ही हमने बनाया है।

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को आधुनिक तकनीक अपनायेंगे : डिप्टी सीएम

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज सुधा का दूध सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में लोकप्रिय हो गया है। आधुनिक से आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना पड़े तो किया जाएगा। जिससे किसानों की आय बढ़ायी जा सके। उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया में सिमोन स्टेशन तैयार किया गया है। और ये एक ऐसी तकनीक है कि जिससे सिर्फ बाछी ही पैदा लेगी। मोतिहारी में 33 करोड़ की लागत से इंवेर्टो फर्टिलाइजेशन खोला गया है। उसी तरह से 20 करोड़ की लागत से एम्ब्रॉय टेक्नोलॉजी सेंटर स्थापित किया गया है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके दुग्ध उत्पादन, दुग्ध संग्रह, उसके रख-रखाव ,खरीद फरोख्त में औऱ तेज़ी लाई जा सकती है। इंसानों को टीका लगाया जाता है सब जानते हैं। लेकिन पशुओं का भी टीकाकरण किया जाता है, यह कम ही लोगों को मालूम है। आज प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ से ज्यादा पशुओं को टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुधा का यूएसटी दूध की मार्केटिंग असम, बंगाल, यू.पी , अरुणाचल प्रदेश सहित तमाम जगहो पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ पूर्वी भारत मे ही बिहार नं1 नहीं है, बल्कि पूरे देश में कॉम्फेड ने 2016-17 में 3255 करोड़ का व्यापार किया। भारत सरकार से हमारी मांग थी दुग्ध फिशरीज पर 4 परसेंट पर ऋण दिया जाय और भारत सरकार ने अपने बजट में इसे स्वीकृती दे दी।
(मानस द्विवेदी)

swatva

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