कंटेनमेंट जोन में सख्ती बढ़ाएं, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग व टेस्टिंग पर बल देने से ही रूकेगा संक्रमण- केंद्रीय टीम
कंटेनमेंट जोन व हॉट स्टॉप में सख्ती बढ़ाकर ही संक्रमण की रफ्तार रोकी जा सकती है। कोविड 19 से निपटने के लिए ट्रैकिंग, ट्रेसिंग व टेस्टिंग पर बल दिया जाए। तथा संक्रमितों को अलग करें, तभी चेन टूटेगी।
पटना: राज्य मे 12 दिनों के अंदर कोरोना प्रभावित मरीजों के अप्रत्याशित वृद्धि के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम 2 दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंची थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व वाली टीम ने राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर इसके रोकथाम-इलाज सहित अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
केंद्रीय टीम ने दूसरे दिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रधान सचिव समेत अन्य अधिकारियाें के साथ समीक्षा बैठक में लव अग्रवाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन व हॉट स्टॉप में सख्ती बढ़ाकर ही संक्रमण की रफ्तार रोकी जा सकती है। कोविड 19 से निपटने के लिए ट्रैकिंग, ट्रेसिंग व टेस्टिंग पर बल दिया जाए। तथा संक्रमितों को अलग करें, तभी चेन टूटेगी।
केंद्रीय टीम ने कहा कि बिहार में जांच के तरीके को बदल कर इसकी संख्या बढ़ानी होगी और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल से समझौता करना होगा। लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को मोटिवेट तथा राज्य के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। प्रशक्षिण का काम एम्स (नई दिल्ली) के डॉक्टर करेंगे। यह प्रशक्षिण ऑनलाइन होगी।
साथ ही केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि आयुर्वेदिक काढ़े को प्रमोट करें और गर्भवती एवं बुजुर्गों की पहचान करें। परेशान व्यक्ति तक मेडिकल सुविधा पहुंचाई जाए, इसके लिए सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए एक टीम बनाई जाए।
समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग व बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने केंद्र से बिहार को और अधिक ऑक्सीजन सिलिंडर देने की मांग की। ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता होने की वजह से मरीजों को क्रिटिकल स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि केंद्रीय टीम के अवलोकन के पश्चात बिहार को जो भी आवश्यकता होगी, केंद्र हर संभव मदद उपलब्ध कराएगा। फिलहाल बिहार को 10 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध कराया गया है। 2,661 बी व 3688 डी टाइप सिलेंडर पहले भेजा गया था। हाल ही में 3739 बी टाइप सिलेंडर डिस्पैच किया गया है। आगे भी टेस्टिंग से संबंधित अन्य चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। अन्य सभी सहयोग आवश्यकता अनुसार बढ़ाए जाएंगे।