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इस मामले में फंसे राज्यपाल के प्रधान सचिव,DM रहते किए थे गड़बड़ी

पटना : बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के प्रधान सचिव राबर्ट एल चौंगथू के खिलाफ मुकदमा चलाने का विधि विभाग ने आदेश जारी किया है। दरअसल, वर्तमान में बिहार के राज्यपाल के प्रधान सचिव पर सहरसा के डीएम सह शस्त्र अनुज्ञापन पधाधिकारी रहते हुए सदर थाना अंतर्गत कांड संख्या 112 / 2005 में विधि विभाग द्वारा इस मामले में उपयुक्त पाते हुए मुकदमा चलाने की अनुमति दी है।

बिहार सरकार संयुक्त सचिव कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार रॉबर्ट एल चौंगथू तत्कालीन जिलाधिकारी शस्त्र अनुज्ञापन
पदाधिकारी सहरसा को अभियुक्त बनाते हुए उनके विरुद्ध धारा 109, 419, 420, 467,468,471, 120 बी भादवि एवम् 30 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अभियोजन स्वीकृति के लिए आदेश ज्ञापांक 164 दिनांक 27/4/2022 के माध्यम से प्राप्त हुआ है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू हो गई है।

फर्जी पहचान पत्र पर कई लोगों को शस्त्र अनुज्ञप्ति देने का आरोप

बता दें कि, पूर्व डीएम सह राज्यपाल के प्रधान सचिव पर वर्ष 2004 में फर्जी पहचान पत्र पर कई लोगों को शस्त्र अनुज्ञप्ति देने का आरोप है। बताया जाता है कि 9 सरकारी नियमों को ताक पर रखकर सहरसा जिला के बाहर के लोगों को भी आर्म्स लाइसेंस निर्गत कर दिया था। गौरतलब है कि, इस मामले की तहकीकात और खुलासा तत्कालीन एसपी अरविंद पांडे ने किया था।

इनके आदेश पर ही तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल कुमार यादवेंदु ने फर्जी नाम पता क्या दर्पण आर्म लाइसेंस पाए 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया था। जिसमें ओमप्रकाश तिवारी, दुर्गावती देवी, हरिओम कुमार, अभिषेक त्रिपाठी, उदय शंकर तिवारी, राजेश कुमार, और मथुप कुमार सिंह को दोषी माना गया था। अनुसंधान के बाद 9 जुलाई 2005 को पुलिस ने ओमप्रकाश तिवारी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था।

वहीं इस मामले को लेकर दूसरा आरोपपत्र 13 अप्रैल 2006 को 14 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में दायर किया गया था लेकिन इसमें राज्यपाल के प्रधान सचिव और अभिषेक त्रिपाठी को दोषमुक्त करार दिया गया था। इसके बाद अपराध अनुसंधान विभाग के निर्देश पर 2009 में पुलिस ने न्यायालय से दोबारा अनुसंधान प्रारंभ करने की अनुमति मांगी थी जिसे न्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया था।

बता दें कि अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालिक डीएम सहस्त्र अनुज्ञापन पधाधिकारी द्वारा पूर्व सांसद सूरजभान के रिश्तेदार हरिओम कुमार, भागलपुर के मेयर दीपक भुवानियां सहित 219 लोगों को हथियार का लाइसेंस दिया गया था। जिसके बाद इस मामले में जांच की गई और जांच के उपरांत 14 लोगों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। इस दौरान बिहार प्रथम आने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के प्रधान सचिव आर एल चौंगथू सहरसा के जिलाधिकारी थे।