नयी दिल्ली : अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमति जताने वाले आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नयी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलान अहमद बुखारी ने दो—टूक कहा कि फैसला आ चुका है। यह मुल्क कायदे कानून से चलता है। फैसला आ जाने के बाद अब इस मसले पर रिव्यू पिटीशन डालने की बात करना ठीक नहीं। इधर लखनऊ में रविवार को हुई एक बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि कोर्ट के आदेश के आलोक में अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेना है कि नहीं, इसका फैसला 26 नवंबर को बोर्ड की होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
26 को तय होगा मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेना है कि नहीं
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की असहमति पर जामा मस्जिद के शाही इमाम ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि इस फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए। शाही इमाम ने कहा कि चूंकि पहले भी मुस्लिम समुदाय कहता रहा है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर होगा, इसलिए इसपर आब सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।
इमाम ने कहा कि 134 साल से चला आ रहा विवाद अब खत्म हो गया है। अदालत ने अपना फैसला दे दिया है। मुल्क को अब आगे इस तरह के तनाव से न गुज़रना पड़े, इसका ध्यान रखना चाहिए। हमारे रिश्ते बेहतर हों इस लिहाज से हमें आगे बढ़ना होगा।
विदित हो कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतुष्टी जाहिर की। उनका कहना है कि बोर्ड की मीटिंग में यह तय किया जाएगा कि इस मामले में रिव्यू पिटीशन दायर किया जाए या नहीं।