परिवार में किसी को हो गया ओमिक्रोन तो ऐसे बचें बाकी सदस्य…

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नयी दिल्ली/पटना : भारत में बीते 24 घंटे में कोविड के नए मामलों की संख्या डेढ़ लाख का आंकड़ा छूने लगी। देश में कोरोना की इस तेज़ी की बड़ी वजह ओमिक्रोन वेरिएंट को माना जा रहा है। संक्रमण काफी तेज़ी से फैल रहा है और घर—घर लोग फ्लू, खांसी और सर्दी से त्रस्त हैं। ऐसे में यदि आपके घर में भी कोई ओमिक्रोन से ग्रसित हो जाये तो आप खुद और बाकी सदस्यों को कैसे संक्रमण से बचायेंगे?

ओमिक्रोन इतना संक्रामक है कि इससे बचना काफी मुश्किल है। ऐसे में आप भारत में मरीजों और डॉक्टरों के अनुभव पर आधारित इन तरीकों का पालन कर अपने परिवार को सेफ रह पायेंगे। फिलहाल बिहार समेत पूरे देश मेेेें बिना लक्षण वाले या मामूली लक्षण वाले ऐसे कोरोना मरीज़ों को जो 60 साल से कम उम्र के हैं और किसी अन्य बीमारी से ग्रसित नहीं हैं, उन्हें होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई है।

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ये करें परिवार के अन्य सदस्य

  • परिजनों को भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 14 दिन के लिए होम आइसोलेशन में चले जाना चाहिए। उसके बाद अगले 14 दिन तक या करोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने तक परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की निगरानी करनी चाहिए।
  • मरीज़ के आसपास जाने वाले शख्स को तीन स्तरों वाला मास्क पहनना चाहिए। खासकर वह जब मरीज़ के पास हो तो N95 मास्क का इस्तेमाल करें। मास्क के बाहरी हिस्से को न छुएं। पुराना, गंदा या गीला होने पर मास्क को तुरंत बदलें।
  • कोरोना से लड़ाई में सबसे महत्वपूर्ण है हाथ को बार-बार धोना। हाथ को साबुन या हैंडवॉश से कम से 40 सेकेंड तक लगातार धोएं। ऐसा दिन में कई बार करें, ख़ासकर मरीज़ के संपर्क में आने के बाद।
  • मरीज़ के शरीर से निकलने वाले द्रवों जैसे थूक या लार आदि के संपर्क में आने से बचें। मरीज़ के निकट जाने वाले दस्तानों का उपयोग करें। इन दस्तानों को भी हर बार बदलें।
  • ऐसी वस्तुएं जिनका मरीज़ ने इस्तेमाल किया या कर रहा हो, उसे घर के बाकी सदस्यों को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। कोरोना मरीज़ के साथ बैठकर खाने-पीने बचें।

ये नियम फालो करें मरीज

  • मरीज़ को तुरंत अलग कमरे में आइसोलेट हो जाना चाहिए। इस कमरे में वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहि।
  • चाहे ओमिक्रोन हो या कोरोना का कोई अन्य वेरिएंट, संक्रमित व्यक्ति को हमेशा मास्क लगाकर रखना चाहिए। खासकर किसी अन्य शख़्स के क़रीब आते वक्त उसे अच्छी तरह से मास्क लगाकर रखना चाहिए।
  • मरीज़ को लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहते हुए ऑक्सीजन लेवल, हार्ट रेट आदि कुछ घंटों के अंतराल पर लगातार चेक करना चाहिए। किसी भी तरह की दिक्कत होने या असहज महसूस करने पर तत्काल देखभाल करने वाले व्यक्ति या डॉक्टर को बताना चाहिए।

अगर मरीज़ को लगातार कई दिनों तक 100 डिग्री से ज़्यादा बुख़ार रहे, सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन लेवल 93 फ़ीसदी से कम, सीने में लगातार दर्द और थकान महसूस हो तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

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