इधर पिंडदान, उधर अवैध बालू खनन, जानिए क्या है फल्गू की त्रासदी?

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गया : गया में अभी विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है। पिंडदान संबंधी कर्मकांड में फल्गु नदी का अपना महत्व है। मेले के उद्घाटन के वक्त डिप्टी सीएम ने कहा था कि गलत काम करने वाले कम से कम पितृपक्ष के दिनों को तो बख्श दें। यानी इस दौरान गलत काम से दूरी बना लें क्योंकि यह काफी पवित्रता का मास है। लेकिन इसके उलट बालू माफिया बेखौफ अपनी दादागीरी को अंजाम देते रहे। नतीजा जहां एक तरफ तीर्थयात्री पितृपक्ष मेला के दौरान फल्गू नदी में पिंडदान कर रहे हैं, वहीं बालू माफिया भी नदी के पेट से खुलेआम बालू खनन कर रहे हैं। वह भी ठीक प्रशासन की नाक के ​नीचे।

फल्गू नदी में एक तरफ जहां पिंडदानियों का कर्मकांड चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ सैंकड़ो ट्रैक्टर अवैध रूप से खनन किये बालू को ढो रहे हैं। मेला क्षेत्र में पूरी जिला प्रशासन सक्रिय है, सभी रोज सबकुछ देख रहे हैं, लेकिन बालू माफिया पर इसका कोई असर नहीं। जब गया के डीएम से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इंक्वायरी सेट अप करने की बात कहते हुए ऑन द स्पाट गया के खनन पदाधिकारी केके केके मिश्रा को जांच करने का आदेश दिया। डीएम को बताया गया कि मेला क्षेत्र में अवैध खनन करते हुए अभी भी हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लगे हुए हैं।

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विष्णुपद मंदिर के बगल में सीताकुंड, अंबेडकर छात्रावास और पिता महेश्वर के सामने नदी के क्षेत्र में इन ट्रैक्टरों को देखा जा सकता है। अवैध खनन के कारण फल्गू नदी के पेटी में जगह—जगह गड्ढे भी बन गए हैं, जिसमें पानी भरने से दुर्घटना की आशंका बन गई है। उधर जानकारी मिली है कि डीएम ने इन सभी अवैध खनन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दिया है।
(अखिलेश कुमार)

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