पटना : बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार ने सातवीं बार शपथ लिया। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में एनडीए घटक दल के कुल 15 नेताओं मंत्री पद की शपथ ली । जिसके बाद इस बात कि चर्चा तेज हो गई कि जदयू कोटे से एक ऐसे विधायक को मंत्री पद का शपथ दिलाया गया है जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप है।

 

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मेवालाल चौधरी ने कल राजभवन के राजेंद्र मंडपम में सातवें स्थान पर शपथ ग्रहण किया। मेवालाल चौधरी पर घोटाले का आरोप है। इनके मंत्री पद की शपथ लेने के बाद विरोधी पार्टियों में से राजद द्वारा सबसे पहले अपने पेज पर एक पोस्ट किया गया जिन्हें इसे सबसे बड़ा घोटाला बाद साबित किया गया था। जिसके बाद मेवालाल को मंत्री बनाये जाने पर नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस बीच बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से जब पूछा गया कि भ्रष्टाचारियों को नीतीश कैबिनेट में शामिल किया गया है तो संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए की सरकार में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनेगी।

जानकारी हो की मेवालाल चौधरी पर स्पेशल विजिलेंस ने 2017 में केस दर्ज किया था और भागलपुर के सबौर थाने में भी 2017 में केस दर्ज हुआ था। जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है।

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