पटना : एक तरफ जहां बिहार में एनडीए में शामिल सभी घटक दलों ने सीटों का फाइनल ऐलान कर दिया, वहीं महागठबंधन के घटक दलों के बीच अभी भी सीटों को लेकर सारे प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। पहले चरण का नामांकन भी शुरू हो चुका है, लेकिन अभी भी नयी दिल्ली में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी अपनी—अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। महागठबंधन के इस महासंकट में राजद और कांग्रेस के अलावा इसमें शामिल छोटे दल भी जिद पकड़कर आग में घी डाल रहे हैं। कोई झुकने को तैयार नहीं। इन सभी के बीच अटकलें लगाई जा रही है कि कांग्रेस और आरजेडी बिहार में अलग-अलग राह भी अपना सकते हैं।
बिहार में आरजेडी कांग्रेस को 8-10 सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं दिख रहा। वहीं कांग्रेस भी 11 लोकसभा सीटों की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं। अंदरखाने की खबर है कि बिहार में महागठबंधन टूट के कगार पर पहुंच गया है। आज या कल में महागठबंधन के घटक दलों की तरफ से भी कोई बड़ा बयान आ सकता है। यानी एक नई रणनीति, एक नया समीकरण भी बिहार में देखने को मिल सकता है।
(मधुकर योगेश)
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