पटना : बिहार में राजद मुख्य विपक्षी पार्टी है। लेकिन हालिया राजनीतिक सक्रियता की कसौटी पर लालू की तरह ही उनकी पार्टी भी बीमार पड़ती जा रही है। कुनबे में बिखराव और पार्टी में सीनियर नेताओं की उपेक्षा के बीच झारखंड में चुनावों का ऐलान हो चुका है। जहां पार्टी के कर्ताधर्ता तेजस्वी यादव दिल्ली में बैठे हैं, और वहीं से झारखंड के समर में पांसे फेंक रहे हैं, वहीं लालू के ‘अवतारी लाल’ तेजप्रताप यादव वृंदावन में गोसेवा में मस्त हैं।
तेजप्रताप यादव की बड़ी चिंता अपने पिता की विरासत पर दावा करना तो है ही, लेकिन इसके लिए जब सड़क पर उतरने की बारी आती है, तब वे पिता की स्टाइल कॉपी करने के चक्कर में फूहड़ता ही डिलिवर कर पाते हैं। उनके द्वारा पिछले दिनों पटना में जनता दरबार लगाने के दौरान कई मौकों पर लोगों ने इसे स्पष्ट देखा। राजनीति से इतर तेजप्रताप की पहचान अलग—अलग अवतार धरने और भेष बनाने वाले ऐसे नेता पुत्र की ज्यादा बनी है जो अपने लुक और आउटफिट के प्रति काफी सजग है।
ऐसे में जब झारखंड चुनाव के ऐलान के बाद वहां के पार्टी कार्यकर्ता तेजस्वी के साथ ही तेजप्रताप की तरफ आशा भरी नजर से ताक रहे हैं, तेजप्रताप वृंदावन में कृष्ण लीला करने में बिजी हैं।
अपनी अवतार वाली छवि के प्रति काफी सजग लालू के इस लाल की प्रायरिटी अलग है। कभी बजरंगबली, कभी कृष्ण तो कभी साक्षात भगवान शंकर बन जाने वाले तेजप्रताप की पहली चिंता अपना लुक और गेटअप—शेटअप है। सो वे फिलहाल वृदावन में गोसेवा में लगे हुए हैं। इधर झारखंड के राजद कार्यकर्ता अपने बड़े नेताओं की आस देख रहे हैं। लालू बीमार हैं, तेजस्वी दिल्ली दरबार में और तेजप्रताप यादव वृंदावन। ऐसे में झारखंड चुनाव में राजद की डगमग नैया क्या करवट लेती है, यह तो वक्त ही बताएगा।